बस्तर पंडुम जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम – सांसद कश्यप

बस्तर पंडुम जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम – सांसद कश्यप

March 23, 2025 Off By NN Express

सुकमा। बस्तर संभाग की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बस्तर सांसद  महेश कश्यप के मुख्य आतिथ्य में कलेक्टर  देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण एवं सीईओ श्रीमती नम्रता जैन की उपस्थिति में शनिवार को जिलास्तरीय बस्तर पंडूम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शबरी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय लोक कला, शिल्प, रीति-रिवाज, तीज-त्योहार, वेशभूषा, आभूषण, वाद्य यंत्र, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, नाट्य कला, व्यंजन और पेय पदार्थों के मूल स्वरूप को संरक्षित करने की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

स्टॉलों का निरीक्षण और पारंपरिक व्यंजनों का अवलोकन

मुख्य अतिथि बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कार्यक्रम के प्रारंभ में विभिन्न पारंपरिक व्यंजन और पेय पदार्थों के स्टॉल का अवलोकन किया। स्थानीय हस्तशिल्प और पारंपरिक खानपान को प्रदर्शित करने वाले इन स्टॉलों को मुख्य अतिथि ने खूब सराहा। पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों के दौरान विभिन्न पारंपरिक नृत्य और लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें आदिवासी कलाकारों ने अपनी संस्कृति की झलक प्रस्तुत की।

बस्तर सांसद  महेश कश्यप ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे सरकार के द्वारा हमारी संस्कृति, परंपरा और रीति रिवाज को जीवित रखने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जनजाति समाज के द्वारा हमारे माड़िया पेज, हमारे लांदा, सल्फी, ताड़ी, चापड़ा चटनी जैसे खाद्य और पेय पदार्थों के माध्यम से प्राचीन परंपरा को जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है। बस्तर पंडुम का यह आयोजन जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है, जिससे क्षेत्र की समृद्ध परंपराओं को नई पहचान मिल रही है। खान पान आचार विचार रहन सहन से हमारे जीवन में बहुत फर्क पड़ता है। संसद भवन में मिलेट आटा के रोटी बन रहे हैं। हमारी पुरानी संस्कृति ही हमारी पहचान है। स्वर्ग से सुंदर बस्तर को बचाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी और जवाबदारी है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के द्वारा पहली बार बस्तर पंडूम के नाम से सांस्कृतिक आयोजन किया जा रहा है। बस्तर पंडूम में भाग लेने वाले आप सभी लोगों को बहुत बहुत बधाई और धन्यवाद क्योंकि हम लोग अपने संस्कृति की पहचान के लिए आए हैं। पिछली सरकार के लोग लास्ट लास्ट में रोड स्वीकृत कर दिए लेकिन बजट देना भूल गए। हमारी सरकार के द्वारा क्षेत्र की भलाई के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। छिंदगढ़ में रोड मरम्मत कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा और केशलूर से तोंगपाल रोड का टेंडर लगने वाला है। इसके अलावा भी बस्तर को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है।  बस्तर को 4 रेल लाइन की स्वीकृति मिलना हमारे लिए गर्व की बात है। इसी तरह से जनजाति कार्य मंत्रालय के द्वारा भारत देश के 63 हजार गांवो को सर्वांगीण विकास के लिए चयनित किया गया है जिसमें से सुकमा जिले के 212 गांव भी शामिल हैं। इन्हें भगवान बिरसा मुंडा आदिम आदर्श ग्राम के नाम से विकसित किया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष धनीराम बारसे और जिला पंचायत सदस्य  हूंगाराम मरकाम ने भी लोगों को संबोधित करते हुए बस्तर पंडूम की उपयोगिता और महत्त्व पर प्रकाश डाला।

समाज प्रमुखों ने कहा राज्य सरकार की सराहनीय पहल

      बस्तर पंडुम में उपस्थित समाज प्रमुखों में बस्तर पंडुम के प्रतिखासा उत्साह देखने को मिला। इस दौरान जनजातीय समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहनीय पहल बताते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया।

प्रथम पुरस्कार प्राप्तकर्ता

जिलास्तरीय कार्यक्रम में विजयी प्रतिभागियों को 20-20 हज़ार का प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया। कार्यक्रम में जनजातीय नृत्य में गुंडाधुर लोककला किन्दरवाड़ा छिन्दगढ़, जनजातीय गीत में गुफड़ी सुकमा, जनजातीय नाट्य माओपाटा नाटक कोर्रा सुकमा, जनजातीय वाद्ययंत्र मुखटिया माता लोककला मंच किंदरवाड़ा छिंदगढ़, जनजातीय वेशभूषा-आभूषण गुण्डाधुर लोककला मंच किन्दरवाड़ा छिंदगढ़, जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला लुंदुबघेल ग्राम छिंदगढ़, जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन वीर गुंडाधुर स्टॉल छिंदगढ़ को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।

     इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री महेश कुंजाम, जनपद अध्यक्ष सुकमा संतोष ईडो, जनपद अध्यक्ष कोंटा श्रीमती कुसुमलता कवासी, नगर पालिका सुकमा अध्यक्ष श्री हुँगाराम मरकाम, नगर पंचायत दोरनापाल अध्यक्ष श्रीमती राधा नायक, जनपद उपाध्यक्ष सुकमा, श्रीमती रीना पेद्दी, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती माड़े बारसे, भुनेश्वरी यादव, जानकी कवासी, सोयम मुका सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।