
कोरबा: प्रधानमंत्री आवास की राशि गबन करने के आरोप में 6 लोगों के विरुद्ध की गई प्राथमिकी दर्ज
January 28, 2025(कोरबा) प्रधानमंत्री आवास की राशि गबन करने के आरोप में 6 लोगों के विरुद्ध की गई प्राथमिकी दर्ज
- दो रोजगार सहायकों की सेवाएं हुई समाप्त
- अधूरे आवासों को पूर्ण बताकर राशि आहरण का आरोप
- 3 ठेकेदार और 2 रोजगार सहायक एक आवास मित्र के विरुद्ध की गई प्राथमिकी दर्ज
- दो विकासखंड समन्वयक के विरूद्ध भी एफआईआर करने कलेक्टर ने दिए निर्देश
- कलेक्टर के निर्देश पर की गई कार्यवाही
कोरबा : कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर शासन की जन कल्याणकारी प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना ग्रामीण की राशि गबन करने के तीन कथित आरोपी ठेकेदार सहित पूर्व आवास मित्र के विरुद्ध पुलिस थाना श्यांग, कोरबा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही वित्तीय अनियमितता में शामिल दोनों रोजगार सहायकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत श्यांग, सिमकेदा, एवं सोलवा में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 72 हितग्राहियों के आवास आधे-अधूरे थे। आवास बने ही नहीं और 86 लाख रुपए निकाल लिए गए। शिकायत के संबंध में जिला स्तरीय जांच समिति गठित कर जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त तीनों ग्रामों में स्वीकृत 72 आवासों के लिए ठेकेदार, तत्कालीन रोजगार सहायक, तत्कालीन आवास मित्र के द्वारा आवास की राशि ली गई जो कि गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है, फलस्वरूप आवास निर्माण अपूर्ण स्थिति में हैं। तत्कालीन विकासखंड समन्वयक तथा तकनीकी सहायक के द्वारा भी पूर्ण स्तर के जिओ टैग किए गए आवासों का भौतिक सत्यापन नहीं कराया जा कर अपूर्ण आवासों का पूर्ण भुगतान कराया गया जो कि गंभीर लापरवाही प्रदर्शित करता है।
सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण शासन की महत्वाकांक्षी और जनकल्याणकारी योजना है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसमें लापरवाही करने वालों पर कार्यवाही की जायेगी।
जनपद पंचायत सीईओ के पत्रानुसार देवानंद श्रीवास विकासखंड समन्वयक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण जनपद पंचायत कोरबा के द्वारा उक्त 6 व्यक्तियों पर पुलिस थाना श्यांग में शासकीय राशि के गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने 6 आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 420, 409, 120-बी, 34 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।