कृषि उपज का भंडारण और‌ परिवहन खर्च वहन‌ करेगी सरकार: शिवराज

कृषि उपज का भंडारण और‌ परिवहन खर्च वहन‌ करेगी सरकार: शिवराज

January 6, 2025 Off By NN Express

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य का अंतर पाटने के लिये सरकार ने कृषि उपज का परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।

श्री चौहान ने यहां राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि इस वर्ष कृषि क्षेत्र और संबद्ध क्षेत्र की विकास दर साढ़े तीन प्रतिशत से चार प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है।

श्री चौहान ने बैठक में राज्यों के मंत्रियों से बजट के संबंध और चल रही कृषि योजनाओं के सुधार के संबंध में सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि नए वर्ष में नए संकल्पों के साथ कृषि विकास और किसान कल्याण के कामों को तेज गति से आगे बढ़ाया जायेगा। यह बैठक ओनलाइन आयोजित की गयी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

श्री चौहान ने बताया कि टॉप (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों के मामले में, कटाई के चरम समय के दौरान उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य का अंतर पाटने के लिये सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा किये गए कामों के लिये परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फसल के विविधीकरण के लिए भी ध्यान देना आवश्यक है। राज्य भी इस दिशा में अपनी तरफ से बेहतर प्रयास कर रहे हैं। अनाज हो या बागवानी इनमें लगातार उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है।

श्री चौहान ने कहा कि‌ आज की बैठक का मुख्य उद्देश्य अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आने वाले बजट में सुझाव देना है । उन्होंने कहा कि बजट के संबंध और जारी योजनाओं के अंतर्गत कोई सुझाव और संशोधन की आवश्यकता हो तो उसके संबंध में आवश्यक सुझाव दें।

उन्होंने फसल बीमा योजना के संबंध में बताया कि पहले क्रॉप कटिंग मैन्युअल से नुकसान का आकलन होता था। अब सरकार ने फैसला लिया है कि इसे अब सैटेलाइट बेसड यानी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। इससे फसल के नुकसान का सही और सटीक आकलन होगा और डीबीटी के माध्यम से उचित समय पर राशि हस्तांतरित की जाएगी, अगर कोई बीमा कंपनी क्लेम देने में विलंब करेगी तो उसे राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र अपने हिस्से की राशि तत्काल देगा। उन्होंने राज्यों से अपील करते हुए कहा कि वह भी ऐसी स्थिति में तत्काल पैसा देने का प्रबंध करें।