दिल्ली के प्रदूषण से बदतर स्थिति कोरबा शहर की : श्रीमती ज्योत्सना महंत

दिल्ली के प्रदूषण से बदतर स्थिति कोरबा शहर की : श्रीमती ज्योत्सना महंत

December 17, 2024 Off By NN Express

(कोरबा) दिल्ली के प्रदूषण से बदतर स्थिति कोरबा शहर की : श्रीमती ज्योत्सना महंत

  • राखड़ व कोल डस्ट का मुद्दा गुंजा संसद में
  • कोरबा सांसद ने संसद में केन्द्रीय मंत्री से मांगा जवाब
    कोरबा: कोरबा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत खुले में राखड़ फेंकने व कोयला, धूल डस्ट से आम नागरिकों को हो रही समस्या को लेकर कोरबा लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत ने संसद में उठाया मुद्दा व केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री से डस्ट से हो रही बीमारियों पर जवाब मांगते हुए कोरबा सांसद श्रीमती महंत ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण से बदतर स्थिति कोरबा लोकसभा क्षेत्र की है। कोरबा में एयर क्वालिटी 400 है, जो गंभीर है।
    सांसद श्रीमती महंत ने कहा कि कोरबा क्षेत्र में मौजूद पावर प्लांट बालको, एनटीपीसी के अलावा अन्य ताप विद्युत परियोजनाओं के साथ-साथ एसईसीएल की कोयला खदानों का वेस्ट मटेरियल अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया जाता है जिसके कारण यहां पर बहुत सारी बीमारियां भी हो रही है, साथ ही वायु और जल प्रदूषण हो रहा है। सांसद ने कहा कि कोरबा संसदीय क्षेत्र की एकमात्र जीवनदायिनी हसदेव नदी भी इससे अछूता नहीं रह गई है। केंद्र व प्रदेश सरकार इन पावर प्लांट्स और एसईसीएल के साथ-साथ रेलवे तो लदान से फायदा तो ले रही है, लेकिन बदले में जनता को कई सारी बीमारियां दे रही है जिसमें अस्थमा, टीबी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। कोरबा के चिकित्सालयों में इन समस्याओं से जुड़े मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
    सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कहा कि मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है ? केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सांसद के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वायु प्रदूषण का मानिटरिंग की जाती है, मानिटरिंग से जुड़ी सूचना जनता के बीच रखी जाती है। सांसद ने प्रतिप्रश्न पढ़ते हुए कहा कि प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए केंद्र सरकार ने क्या उपाय कर रखें है जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 130 नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम चलाया जाता है। सभी जिलों के वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण उद्योग है इनकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार की जिम्मेदार तय की गई है।