शिक्षक की शर्मनाक हरकत: पिटाई की शिकायत पर परिजन पर चाकू से हमला…

शिक्षक की शर्मनाक हरकत: पिटाई की शिकायत पर परिजन पर चाकू से हमला…

December 9, 2024 Off By NN Express

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक ने अपनी मर्यादा भूलते हुए, पिटाई की शिकायत करने आए परिजन पर चाकू से हमला कर दिया। यह घटना सुबेहा थाना क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय टिकरहुवा की है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार, शिक्षक ने 5वीं कक्षा की एक छात्रा को होमवर्क न करने पर बेरहमी से पीट दिया। पिटाई से आहत छात्रा रोते हुए घर पहुंची और अपनी आपबीती बड़े भाई को सुनाई। मामला सुनकर परिजन गुस्से में भर गए और शिकायत करने स्कूल पहुंचे।

शिकायत पर भड़का शिक्षक
परिजन ने शिक्षक को बच्चे की पिटाई न करने की चेतावनी दी। लेकिन शिक्षक ने शिकायत सुनने के बजाय उलटा परिजनों से गाली-गलौज शुरू कर दी। विवाद बढ़ने पर शिक्षक ने अपनी जेब से चाकू निकाला और परिजनों पर हमला करने दौड़ पड़ा। परिजनों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। वहीं, मौके पर मौजूद लोगों ने हस्तक्षेप कर शिक्षक को शांत कराया।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका
घटना के बाद पीड़ित परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, आरोप है कि पुलिस ने शिक्षक पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की और मामले को समझौते के जरिए निपटा दिया।

वीडियो वायरल और प्रशासन की सक्रियता
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) संतोष कुमार देव पांडेय के संज्ञान में आया। उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। खंड शिक्षाधिकारी घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं। बीएसए ने दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है।

आक्रोश और सवाल
    शिक्षक की भूमिका पर सवाल: जिस शिक्षक को बच्चों को पढ़ाने और अनुशासन सिखाने की जिम्मेदारी है, वही अपनी मर्यादा तोड़कर हिंसा पर उतर आया।
    पुलिस की निष्क्रियता: चाकू जैसे गंभीर मामले में सख्त कार्रवाई के बजाय समझौता करवाने पर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
    प्रशासन का हस्तक्षेप: वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ, लेकिन क्या यह घटना पहले नहीं रोकी जा सकती थी?

जनता से अपील:
इस घटना ने शिक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अभिभावकों और समाज को इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।