अगहन माह के हर गुरुवार करें मां लक्ष्मी पूजा, आएगी सुख-समृद्धि, जानें विधि

अगहन माह के हर गुरुवार करें मां लक्ष्मी पूजा, आएगी सुख-समृद्धि, जानें विधि

November 21, 2024 Off By NN Express

पंडित यशवर्धन पुरोहित

मार्गशीर्ष को अगहन का महीना भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष अंग्रेजी कैलेंडर के नवंबर और दिसंबर में आता है. इस माह के सभी गुरुवार को लक्ष्मी पूजन किया जाता है. ऐसे करने से कभी धन संकट नहीं होता है. साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह का महत्व और पूजा विधि के बारे में-

हिंदू कैलेंडर का 9वां महीना यानी मार्गशीर्ष माह का प्रारंभ आज 16 नवंबर दिन शनिवार से हो चुका है. मार्गशीर्ष को अगहन का महीना भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष अंग्रेजी कैलेंडर के नवंबर और दिसंबर में आता है. वैसे तो इस माह भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है. लेकिन, अगहन के सभी गुरुवार को लक्ष्मी पूजन किया जाता है. ऐसे करने वाले जातकों को कभी धन संकट नहीं होता है. साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है.

मार्गशीर्ष माह का महत्व और पूजा विधि
हिंदू पंचांग के 12 महीनों में किसी ना किसी देवी-देवता की पूजा करने का विधान है. जैसे- चैत्र में नवरात्र पर दुर्गा, वैशाख में अक्षय तृतीया पर परशुराम, जेठ में यमराज, सावित्री, आषाढ़ में जगन्नाथ, श्रावण में भोलेनाथ, भाद्रपद में गणेश पर्व, क्वांर में पितृ और नवरात्र, कार्तिक में धनतेरस, गोवर्धन पूजा, देव दीपावली, अगहन में भैरव जयंती, लक्ष्मी पूजन, पौष में शाकंभरी जयंती, माघ में वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन, फाल्गुन में होलिका दहन, नृसिंह पूजन की महत्ता है.

घर में मां लक्ष्मी का होगा वास
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, मान्यता है कि अगहन माह में महालक्ष्मी को विधिवत आमंत्रित कर पूजा-अर्चना करने से मां लक्ष्मी उस घर में निवास करतीं हैं. साथ ही, मां लक्ष्मी का पूजन और व्रत करने से परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है. मां को आमंत्रित करने के लिए मुख्य द्वार से लेकर पूजा घर तक चावल के आटे को घोलकर मां लक्ष्मी के पदचिन्ह अंकित करना चाहिए.

दिन में तीन बार करें मां की पूजा
बुधवार की शाम मां लक्ष्मी को आमंत्रण देने के पश्चात महिलाओं को गुरुवार सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए. फिर व्रत रखने का संकल्प लेकर मुख्य द्वार पर दीप प्रज्ज्वलित करें. दोपहर में चावल की खीर या चावल के चीला आदि का भोग लगाएं. इसके बाद शाम को पुन: पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए. ऐसा करने से जातक पर मां की कृपा बनी रहती है.

लक्ष्मी पूजन की मुख्य सामग्री
मां लक्ष्मी की पूजा के लिए नारियल, केला, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, सीताफल, धान की बाली का झालर, कुम्हड़ा, आंवला, पान, कपड़ा, टोकरी, प्याज, तेल, घी, शक्कर, चावल से पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा, आप चाहें तो आंगन से लेकर पूजा घर तक मां लक्ष्मी के पदचिन्ह, स्वास्तिक, नाग आदि के चित्र भी बना सकते हैं.

अगहन महीने में पूजन के 4 गुरुवार
पहला गुरुवार – अगहन कृष्ण षष्ठी, 21 नवंबरदूसरा गुरुवार – अगहन कृष्ण त्रयोदशी, 28 नवंबरतीसरा गुरुवार – अगहन शुक्ल चतुर्थी, 5 दिसंबरचौथा गुरुवार – अगहन शुक्ल द्वादशी, 12 दिसंबर