डीजीएमएस ने ग्राम मलगांव में खनन पर लगाई रोक
November 16, 2024(कोरबा) डीजीएमएस ने ग्राम मलगांव में खनन पर लगाई रोक
कोरबा : सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया के अधीन संचालित एसईसीएल बिलासपुर की कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजनाएं सालाना कोयला उत्पादन लक्ष्य को हासित करने में जुटी हुई है। इस बीच मेगा परियोजना में दीपका को तगड़ा झटका लगा है।
जानकारी के अनुसार खान सुरक्षा महानिदेशालय ने दीपका खदान एक्सटेंशन 1 अ मलगांव ग्राम दिशा की ओर उत्खनन पर तत्कात प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है, इस आशय की जानकारी यहां मिलते ही अफरा-तफरी मच गयी। बताया जा रहा हैं की खान सुरक्षा महानिदेशालय ने यह आदेश अधिवक्ता विनय से सिंह राठौर द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई शिकायत पर हुई कार्यवाही के परिपालन में दिया है। अधिवक्ता श्री राठौर ने आरोप लगाया की एसईसीएल दीपका के द्वारा ग्राम मालगांव में उत्खनन के दौरान लापरवाही बरती जा रही हैं। उन्होंने 30 अक्टूबर को बरती जा रही गंभीर लापरवाहियों को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा था की एसईसीएल दीपका पर सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर उत्खनन कार्य कर रहा हैं । साथ ही भू-विस्थापितों के विस्थापन व मुआवजे की प्रक्रिया पूर्ण किये बिना ही उत्खनन कार्य शुरू कर देने शिकायत की थी।
उक्त शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जांच का आदेश दिया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में डिप्टी डायरेक्टर खान सुरक्षा, बिलासपुर क्षेत्र श्री बदरू द्वारा 5 नवंबर को ग्राम मालगांव में हो रहे उत्खनन कार्य की जांच की थी। जांच में उन्होंने पाया की दीपका कोयला खदान द्वारा निर्धारित मानकों के विपरीत आबादी से दूरी की तय सीमा को लांघते हुए उत्खनन कार्य किया जा रहा था। सुरक्षा जांच में एसईसीएल दीपका को कोल माइन रेगुलेशन 2017 के रेगुलेशन 119 (1), 128 (1) का स्पष्ट उल्लंघन करते पाया गया। खान सुरक्षा महानिदेशालय ने अपने आदेश में एसईसीएल दीपका को उपरोक्त दोनों रेगुलेशन का पालन सुनिक्षित करने तक ग्राम मालगांव में उत्खनन कार्य तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश जारी किया हैं। उक्त आदेश अनुसार उत्खनन कार्य शुरू करने से पहले एसईसीएल दीपका को सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी प्रकार के अनाधिकारिक प्रवेश को रोकने के लिए उत्खनन क्षेत्र के आसपास फेंसिंग करने तथा उत्खनन कार्य आबादी क्षेत्र व किसी भी व्यक्ति के मकान से कम से कम 45 मीटर की दूरी रखते हुए करने निर्देशित किया गया है। वहीं मुआवजा तथा विस्थापन में बरती जा रही लापरवाहियों की जांच अन्य विभाग द्वारा की जाने की बात कही गई है।