आचार्य सरयूकान्त झा जन्मशताब्दि समारोह का हुआ आयोजन

आचार्य सरयूकान्त झा जन्मशताब्दि समारोह का हुआ आयोजन

October 25, 2024 Off By NN Express

भिलाई । आचार्य सरयू कान्त झा का स्नेह और आशीर्वाद मुझे भी मिलता रहा। उनसे मेरी निकटता थी। उनके लिये मुझसे जो आशा की गयी उसे मैं अवश्य पूरी करुंगा। हाल ही में रायपुर में सम्पन्न आचार्य सरयूकान्त झा जन्म शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि की आसन्दी से सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने ये बातें कहीं। इस दौरान प्रो.बालचन्द कछवाह, भिलाई के आचार्य डॉ. महेश चन्द्र शर्मा, राजधानी के भाषाविद् डॉ. चितरंजन कर, इतिहासविद् डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र एवं पं.नर्मदा प्रसाद मिश्र ‘नरमÓ मंचस्थ थे।

अतिथियों ने स्मारिका-पत्रिका सरयू प्रवाह का लोकार्पण भी किया। इस दौरान आचार्य डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि आचार्य सरयू कान्त झा शिष्यों के संवर्धक थे, वे उन्हें बढ़ावा देते रहे। देवी सरस्वती की पूजा अर्चना और झा दम्पत्ति के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।  झा परिवार की बहन-बेटियों ने सुमधुर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। मंचस्थ अतिथियों के साथ विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले भी सम्मानित किये गये। आचार्य सरयू कान्त झा स्मृति संस्थान के सचिव पं. शारदेन्दु झा और कवयित्री अनिता झा समेत पूरी टीम ने कार्यक्रम को सफल बनाया। आयोजन में आचार्य पं. सरयूकान्त झा के विचारों के अनुरूप शिक्षा नीति,संस्कृति और वर्तमान सन्दर्भ विषय पर समूह चर्चा भी हुई।

जिसमें डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंगÓ, डॉ.चितरंजन कर, संजीव ठाकुर एवं डॉ.महेन्द्र ठाकुर ने अपने विचार रखे। अन्त में आचार्य डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने समीक्षा कर सार संक्षेप रखते हुवे कहा कि संस्कार के बिना शिक्षा शव के समान है। नयी शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परम्परा और संस्कृति की महत्ता को रेखांकित किया गया है। प्रो.रमेन्द्र मिश्र ने याद दिलाया कि आचार्य सरयू कान्त झा की प्रेरणा से बृजमोहन अग्रवाल के उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए छत्तीसगढ़ संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया गया था।

अब उसे क्रियान्वित किया जा सकता है। मौके पर उपस्थित आचार्य डॉ. महेश चन्द्र शर्मा सहित सभी ने इसका करतल ध्वनि से स्वागत किया। जहां परिवार के लोगों ने पारिवारिक संस्मरण सुनाए। वहीं शिष्य मण्डली ने उनके शिक्षा-संस्कृति सेवा कार्यों के पुनीत स्मरण किया। श्रीमती शुभा झा बैनर्जी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।