छात्रों सहित सभी के लिए आवश्यक है मौलिक चीजों का संरक्षण करवाना : भूपेन्द्र कुलदीप

छात्रों सहित सभी के लिए आवश्यक है मौलिक चीजों का संरक्षण करवाना : भूपेन्द्र कुलदीप

March 20, 2024 Off By NN Express

हेमचंद यादव विवि के कुलसचिव ने किया दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

भिलाई । विकसित भारत एटदरेट 2047 एवं बौद्धिक संपदा का अधिकार और आईपीआर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन छत्तीसगढ वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय एवं वितरागा रिसर्च फाउंडेशन रायपुर तथा हेमंचद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में छत्तीसगढ वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय सेक्टर 6 किया गया।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठि में आईपीआर पर पेनल डिस्कशन हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से जब वे अमेरिका में व्याख्यान देने गये थे उस समय की वहां के और भारत के पेटेंटस एवं वहां के शिक्षा और भारत के शिक्षा में किस प्रकार का अंतर है, उसकी विस्तृत रूप से जानकारी दी।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने संबोधित करते हुए कहा कि ये जो दो दिन के संगोष्ठी का यहां आयोजन किया गया इसमें यहा उपस्थित छात्र-छात्राएं काफी लाभान्वित हुए है, उनके लिए आईपीआर और बौद्धिक संपदा का अधिकार नया था जिसकी जानकारी इनके लिए बेहद जरूरी था क्योंकि आपके लिए ये जीवन में बहुत लाभदायक होगा। ये जो इंसान है उसको ईश्वर ने किसी ना किसी गुण से जरूर नवाजा है, किसी को अच्छा लिखना आता है किसी को अच्छा गाना आता है, तो कोई कहानी अच्छा लिखता है तो कोई कविता अच्छा लिखता है, तो कोई एकदम नया चीज इजाद करता तो उसकी ये बौद्धिक संपदा है तो इसका संरक्षण कैसे करे ये आपको जानना बहुत जरूरी है, यही जानकारी देने के लिए सीजीव्हीव्हीएम प्रबंधन आप सबके लिए ये कार्यशाला का आयोजन किया है कि आपकी बौद्धिक संपदा को कोई चुरा न सके व दूसरा उपयोग ना कर सके इसलिए आप इसकी जानकारी लेकर इसका अपने नाम से संरक्षित करवा लें। यदि आप अच्छा डांस कर लेते है, कोई अच्छा  रेसिपी बना लेते है, या कुछ नया करते है तो उसको अपने नाम से संरक्षित करवा ले। श्री भूपेन्द्र ने एक महत्वपूर्ण उदाहरण देते हुए कहा कि हल्दी भारत का उत्पादन है और उसे भारत ने अपने नाम पेटेंट नही कराया या उसे पेटेंट कराने में देर कर दी  तो आज उसको अमेरिका ने पेटेंट करवा लिया। इसलिए हमारी जो चीजें है उसे अपने नाम पेटेंट कराना आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा कि हमको और आप सबको भगवान ने 1400 ग्राम दिमाग दिया है, इस दिमाग का या इस दिमाग की उपज का या इस संपदा का आप कितना संरक्षित कर सकते है, ये दो दिन का संगोष्ठी आपको यही सिखाता है, आप यहां से ये जो सीख कर जाते है तो आज के बाद आप जो भी सोचेंगे या अपनी डायरी में लिखेंगे ये भी आपकी एक संपदा है, आप एक शिक्षक हैं या शिक्षक बनने जा रहे है तो आपके पढाने की अच्छी शैली है जो इन बच्चों को पसंद आ रही हो, तो ये आपकी शैली केवल इन 40 बच्चों में ही रह जायेगी इसलिए आप इसको संरक्षित करवाईये ये आपकी बौद्धिक संपदा है। इसका आप विडियो बनाकर अपने मोबाईल व सोशल मीडिया में डालिये ताकि आपकी इस शैली से और बहुत सारे बच्चे लाभान्वित हो। उन्होंने बताया कि भारत यदि गर्वनमेंट कॉलेज मे असिस्टेंट प्रोफेसर आप है तो सबसे अधिक वेतन शिक्षक की है एक राष्ट्रपति से अधिक वेतन है यहां के शिक्षक की। आप बीएड कर रहे है, आप शिक्षक बन रहे है तो आप आज से ये प्रयास करिये कि आज से हम जो भी करेंगे इसका संरक्षण करेंगे। ये आपको अपके प्राध्यापक या मेंटर बता देंगे।

इस दौरान महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, गालिब मेमोरियल स्कूल की प्राचार्य सुश्री गुणालक्ष्मी सहित स्कूल की सभी शिक्षिकाएं एवं महाविद्यालय व स्कूल में कार्यरत सभी लोग उपस्थित थे। उक्त जानकारी सीजीव्हीव्हीएम के पीआरओं शमशीर सिवानी ने दी।