भारतीय डाक विभाग ने पहली बार ड्रोन से पहुंचाया डाक, गुजरात में हुआ इसका सफल परीक्षण

भारतीय डाक विभाग ने पहली बार ड्रोन से पहुंचाया डाक, गुजरात में हुआ इसका सफल परीक्षण

February 6, 2024 Off By NN Express

डाक विभाग (बिहार सर्किल) की ओर से आने वाले महीने में ड्रोन के जरिये डाक पहुंचा सकता है. विशेष कर जीवन रक्षक दवाएं दूरदराज इलाके में पहुंचाने की योजना है. डाक विभाग ने पहली बार गुजरात के कच्छ जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन की मदद से डाक पहुंचाया है.

डाक निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार पिछले दिनों केंद्रीय संचार मंत्रालय की देखरेख में डाक को कच्छ जिले से नेर गांव पहुंचाया गया. इस पायलट परियोजना के सफल होने से भविष्य में ड्रोन के जरिये डाक पहुंचाना संभव होगा.

किया जा रहा है लागत का अध्ययन

पायलट परियोजना के तहत विशेष तौर पर ड्रोन से डाक पहुंचाने में आने वाली लागत का अध्ययन किया गया. साथ ही इस दौरान डाक पहुंचाने के कार्य में शामिल कर्मचारियों के बीच समन्वय का भी टेस्ट किया गया. बिहार सर्किल के अधिकारियों ने इस संबंध में कहा कि ड्रोन से डाक सेवाएं शुरू होने की योजना है. लेकिन यह योजना बिहार में कब शुरू होगी, फिलहाल कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा. यह मंत्रालय स्तर पर इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

गुजरात में हुआ इसका सफल परीक्षण

भारतीय डाक विभाग ने पहली बार पायलट परियोजना के तहत गुजरात के कच्छ जिले में ड्रोन की मदद से डाक पहुंचाई थी. डाक पहुंचाने के लिए जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, उसे गुरुग्राम के स्टार्टअप टेकईगल ने बनाया था. कंपनी ने कहा कि इस तरह के काम के लिए ड्रोन की यह पहली उड़ान थी. ड्रोन ने 46 किलोमीटर की दूरी आधे घंटे से भी कम समय में तय की.

अधिकतम 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार

टेकईगल ने पिछले महीने देश की सबसे तेज गति की हाइब्रिड इलेक्टिक वर्टिकल टेक-आफ एंड लैंडिंग सेवा ‘वर्टिप्लेन एक्स3’ शुरू की थी. इसकी रेंज 100 किलोमीटर है और यह तीन किलोग्राम तक वजन का पार्सल अधिकतम 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ले जा सकता है. यह पांच गुणा पांच मीटर एरिया में हेलीकाप्टर की तरह लैंड करने के साथ ही उड़ान भर सकता है