सकल नामांकन अनुपात में राष्ट्रीय औसत से बेहतर

सकल नामांकन अनुपात में राष्ट्रीय औसत से बेहतर

January 28, 2024 Off By NN Express

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू करने में तो अग्रणी रहा ही है, नामांकन के स्तर पर भी प्रदेश ने उपलब्धि हासिल की है। सकल पंजीयन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय औसत 28.4 प्रतिशत रहा जबकि मध्यप्रदेश 28.9 प्रतिशत के साथ विद्यार्थी नामांकन संख्या में वृद्धि की उपलब्धि अर्जित कर चुका है। मध्यप्रदेश में सर्वाधिक नामांकन स्नातक स्तर पर लागू हुए हैं। मध्यप्रदेश ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्तर बनाए रखा। प्रदेश ने इस दिशा में निरंतर प्रगति की। कोविड की चुनौतियों के बावजूद राष्ट्रीय औसत से आगे निकलना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने भी इस उपलब्धि के लिए विभागीय टीम को बधाई दी है।

प्रदेश की उपलब्धियाँ एक नजर में

मध्यप्रदेश में 18 से 23 वर्ष की आयु के युवाओं का ग्रास एनरॉलमेंट रेशियो (जीइआर) 28.9 है। यह राष्ट्रीय औसत 28.4 से अधिक है। उच्च शिक्षा के साथ ही तकनीकी शिक्षा, विधि, पशु चिकित्सा शिक्षा और कृषि शिक्षा से जुड़े संस्थानों की सक्रियता से यह संभव हुआ। ए.आई.सी.टी.ई. से संचालित समस्त संस्थानों और एम.सी.आई. द्वारा संचालित संस्थाओं का भी सहयोग रहा। इस संबंध में निरंतर प्रयास किए गए। प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय सहित 54 नए महाविद्यालय खुले। उच्च शिक्षा विभाग में सतत् मॉनीटरिंग का कार्य भी किया गया। इसके फलस्वरूप शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश की उपलब्धियों को महत्वपूर्ण माना है।

भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष आवश्यक पहलुओं पर आधारित अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण करवाया जाता है। नवीनतम सर्वेक्षण प्रतिवेदन के अनुसार मध्यप्रदेश को अखिल भारतीय सकल नामांकन अनुपात में राष्ट्रीय औसत से अधिक प्रतिशत की साथ सफलता मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष 2020 में प्रदेश में प्रभावी ढंग से नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए प्रयास तेज किए थे। इसके साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश में महाविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाने के निर्देश भी दिए। भारत सरकार के सर्वे में उन्होंने मध्यप्रदेश की उपलब्धि का प्रतिशत 35 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित कर समुचित प्रयास करने के निर्देश दिए थे।