श्रीवास रामानुजन गणित के जादूगर थे : प्रो यशवंत जायसवाल,कटघोरा कॉलेज में राष्ट्रीय गणित दिवस का आयोजन किया गया

श्रीवास रामानुजन गणित के जादूगर थे : प्रो यशवंत जायसवाल,कटघोरा कॉलेज में राष्ट्रीय गणित दिवस का आयोजन किया गया

December 23, 2023 Off By NN Express

कटघोरा ,23 दिसंबर । भारत के महान गणितज्ञ श्री निवास रामानुजन की जयंती 22 दिसंबर 2023 को शासकीय मुकुटधर पांडेय महाविद्यालय कटघोरा में ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ के रूप में मनाया गया। गणित विभाग के अध्यक्ष प्रो यशवंत जायसवाल ने कहा कि “श्रीवास रामानुजन गणित के जादूगर थे। अपनी प्रतिभा और मौलिक शक्ति से उन्होंने कई महान रिसर्च किए। उन्होंने मात्र 12 वर्ष की उम्र में बिना किसी औपचारिक शिक्षा के मैथेमेटिकल थियोरम की खोज शुरू की थी और महज 32 साल की उम्र में गणित के करीब 3900 सिद्धांत बनाए। रामानुजन साहब अपने वक्त से बहुत आगे तक सोचते थे, साल 1919 में उन्होंने मॉक थीटा की खोज की, जिससे ब्रम्हांड की सबसे बड़ी पहेली ब्लैक होल को सुलझाया जा सकता है।” कार्यक्रम के संचालक डॉ शिवदयाल पटेल कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना ने कहा कि ब्रिटेन के प्रोफेसर हार्डी रामानुजन को दुनिया का सबसे महान गणितज्ञ मानते थे। कहा जाता है कि उन्होंने दुनिया के प्रतिभावान व्यक्तियों को 100 नंबर पर आंका था और इस लिस्ट में खुद को सौ में से तीस नंबर दिए थे, लेकिन रामानुजन को 100 में से 100 नंबर दिए थे। प्रेमनारायण वर्मा ग्रंथपाल, प्रो भुनेश्वर कुमार, प्रो शैलेन्द्र सिंह ओट्टी, प्रो धर्मेंद्र कुमार, राकेश आजाद ने एकमतेन स्वीकार किया कि रामानुजन में गणित की जन्मजात प्रतिभा विद्यमान थी। गणित के जिन सूत्रों को सुलझाने में बड़े बड़े गणितज्ञों को घंटो का समय लगता था, उसे रामानुजन साहब मिनटों में सिद्ध कर देते थे। गणित के छात्र तुषार तिवारी, संदीप साहू एवं छाया साहू ने रामानुजन हार्डी मैजिक नम्बर 1729 का जिक्र करते हुए अंकगणित और बीजगणित में रामानुजन के योगदान की चर्चा की।
       महाविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन संस्था प्रमुख डॉ मदनमोहन जोशी प्राचार्य के  संरक्षण एवं मार्गदर्शन में उक्त कार्यक्रम का आयोजन गया गणित विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।  कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ पूनम ओझा, डॉ टी आर आदित्य, डॉ प्रिंस मिश्रा, डॉ डीडी टंडन, शैलेंद्र ओटी, प्रतिमा कंवर, भुनेश्वर कुमार, धर्मेंद्र कुमार, राकेश आजाद, चंद्रेश अग्रवाल, गंगाराम पटेल, विशाल कुशवाहा, संजय लहरे, अंकिता टंडन, कार्यालयीन स्टाफ बाला राम साहू, डॉ कल्पना शांडिल्य, चंचल वैष्णव, पी के बेले, मनहरण श्याम, के के दीवान, के के मरकाम, विकास जायसवाल, देवेंद्र, लक्ष्मीन बाई, सविता नेताम, कंचन देवी, महिपाल सिंह, गणित विभाग के छात्र- छात्राएं, रासेयो स्वयंसेवक शीतला यादव, लता साहू, आशीष अग्रवाल, करीमा कश्यप, स्मिता गुप्ता, लक्ष्मी कँवर,  अश्विनी सोनी, यामिनी निषाद, सुरभि शांडिल्य, अंजलि सोनवानी, आराधना दीवान, दुर्गेश कुमार, गणेश कुमार, महेंद्र सिंह, शिवम गंधर्व, पुरुषोत्तम निषाद, पीयूष सिंह, राजू गौतम आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।