कोरबा: सरकारी अस्पताल में नसबन्दी करने के एवज में उनसे ही रुपए लिए जाने का मामला आया सामने, 24 घण्टे में मांगा जवाब

कोरबा: सरकारी अस्पताल में नसबन्दी करने के एवज में उनसे ही रुपए लिए जाने का मामला आया सामने, 24 घण्टे में मांगा जवाब

December 22, 2023 Off By NN Express

0 मरीज की जुबानी- नसबंदी करवाने का फीस 25 सौ से 5 हजार रुपये

कोरबा, 22 दिसम्बर । एक ओर जहां सरकार के द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए नसबंदी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है तो दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में महिलाओं की नसबंदी करने के एवज में उन्हें प्रोत्साहन राशि देने की बजाय उनसे ही रुपए लिए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा संबंधित चिकित्सक को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है। जिले के अंतिम छोर पाली विकासखण्ड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में विभिन्न ग्रामों की महिलाएं मितानिन के माध्यम से नसबंदी करवाने पहुँची जिनका नसबंदी के एवज में रुपये लिए गए।


पाली अस्पताल में ज़िला खनिज न्यास मद से पदस्थ डाक्टर हेमंत पैकरा ने इनका नसबंदी किया। हितग्राहियों से पूछताछ की गयी तो उन्होने एवं उनके परिजनों ने बताया की वे मितानिन के माध्यम से नसबंदी करवाने पहुँची है और पैकरा डाक्टर ने उनका नसबंदी किया है जिसके लिए मितानिन को 2500 रूपए से पाँच हजार प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा मितानिनों को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक के रूप में साधारण उल्टी, दस्त,बुखार की दवाई एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श खासकर महिलाओं से संबंधित समस्याओं के निदान (नसबंदी,प्रसव ) के लिए गाँवों में मानसेवी नियुक्ति दी है किंतु अनेक स्वास्थ्य सेवक ही कई डाक्टरों के एजेंट के तौर पर काम करते नज़र आ रही हैं।

पहले भी लग चुका है हेमंत पैकरा पर आरोप

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में ज़िला खनिज न्यास मद से पदस्थ डाक्टर हेमंत पैकरा पर पहले भी पाली क्षेत्र की एक महिला के प्रसव हेतु 15 हजार रूपए लेने का आरोप लगा हुआ है जिस शिकायत की जाँच अभी भी जारी है

सरकारी अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में पदस्थ गायनेकोलाजिस्ट डाक्टर हेमंत पैकरा का सरकारी अस्पताल के कुछ कदम के दूरी पर ही हेमंत हास्पिटल के नाम से निजी अस्पताल संचालित है। एक ओर सरकारी खजाने से डाक्टर साहब को लाखों का वेतन दिया जाता है, वही दूसरी ओर डाक्टर साहब ने सरकारी अस्पताल से अपने निजी अस्पताल में रेफ़र का खेल जारी रखा है। मरीज़ो ने बताया कि डाक्टर साहब सरकारी अस्पताल से ज्यादा समय अपने निजी अस्पताल में सेवा देते नज़र आते हैं।

सारी दवाईयां अपने निजी मेडिकल स्टोर से


अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने नाम नहीं बताने के शर्त पर बताया की अस्पताल में डाक्टर हेमंत पैकरा द्वारा प्रसव या नसबंदी या इलाज के लिए जो दवाईयां उपयोग में लाया जाता है (अस्पताल में उपलब्ध नही रहने पर) उसे सरकारी अस्पताल के ठीक सामने नूतन मेडिकल स्टोर के नाम से संचालित दुकान से ही खरीद कर लाने को बोला जाता है।


अपने निजी अस्पताल (हेमंत हास्पिटल) में इलाज के लिए आए मरीज़ों को आवागमन के लिए सरकारी वाहन 102,108 वाहन डाक्टर साहब अपने हिसाब से उपयोग करते हैं जिसमे अपने हास्पिटल के मरीज़ो को घर छोड़कर आना और घर से लेकर आना नियमित रूप से अपने हिसाब से चलाते हैं।