छत्तीसगढ़: पारंपरिक शिल्पकारों व कारीगरों के सहायता के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
December 16, 2023जशपुरनगर,16 दिसम्बर । भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के रूप में केंद्रीय योजना संचालित की जा रही है। 16 अगस्त 2023 को कैबिनेट में लिए गए फैसला अनुसार पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों के सहायता के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत 13000 करोड़ रु के बजट का प्रावधान किया गया है। जिसमें 18 पारंपरिक व्यवसाय शामिल है। शिल्पकार और कारीगरों को प्रमाणपत्र
और आईडीकार्ड के जरिए पहचान मिलेगी। पहले चरण में 1 लाख रु तक की और दूसरे चरण में 2 लाख रु तक की सहायता महज 5 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाएगा। योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, टूलकिट लाभ, डिजिटल लेनदेन के लिए इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट मिलेगा।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारपेंट, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तीकार, मोची, राज मिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली का जाल बनाने वाले को लाभ मिलेगा।