हर हफ्ते 70 घंटे काम करें युवा- नारायणमूर्ति की सलाह! दुनिया का मुकाबला करने को बदलना होगा वर्क कल्चर

हर हफ्ते 70 घंटे काम करें युवा- नारायणमूर्ति की सलाह! दुनिया का मुकाबला करने को बदलना होगा वर्क कल्चर

October 27, 2023 Off By NN Express

Narayana Murthy on working hours : इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति ने साल 2020 में कं‍पनियों के सीईओ को भी दो-तीन साल तक कुछ अतिरिक्‍त घंटे काम करने की सलाह दी थी ताकि कोरोना इफेक्‍ट को कम किया जा सके. अब उन्होंने युवाओं से सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह दी है.

नई दिल्‍ली. पिछले दो-तीन दशकों में आर्थिक मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले देशों से मुकाबला करने के लिए भारत को अपना वर्क कल्‍चर बदलना ही होगा. इसके लिए युवाओं को काम पर ज्यादा समय बिताना चाहिए. यह कहना है इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायणूर्ति (NR Narayana Murthy) का. उनके अनुसार, भारत की कार्य उत्‍पादकता (Work Productivity) दुनिया में सबसे कम है. इसे बढ़ाने के लिए वे सलाह देते हैं कि देश के युवा हर सप्‍ताह 70 घंटे काम करें. द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी ने ऐसा करके विकास की बुलंदियों को छुआ था.

3वन4 कैपिटल की पॉडकास्‍ट ‘द रिकॉर्ड’ (Podcast The Record ) में इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई (Mohandas Pai) के साथ बातचीत में नारायणमूर्ति ने देश निर्माण से लेकर तकनीक, आज के युवाओं और अपनी कंपनी इंफोसिस सहित बहुत से विषयों पर अपने विचार रखे. यह पॉडकास्‍ट यूट्यूब पर री‍लीज हुई है

बताया क्‍यों भारत में कम है कार्य उत्‍पादकता
नारायणमूर्ति ने भारत की कम कार्य उत्‍पादकता के कारण भी गिनाए. उन्‍होंने कहा कि सरकार में भ्रष्‍टाचार और अफसरशाही की लेटलतीफी कम वर्क प्रोडक्टिविटी के बड़े कारण हैं. उन्‍होंने कहा, “ भारत की कार्य उत्‍पादकता दुनियाभर में सबसे कम है. जब तक हम सरकारी स्‍तर पर भ्रष्‍टाचार कम नहीं कर लेते, अफसशाही की लेटलतीफी पर अंकुश नहीं लगा लेते तक तक हम उन देशों का मुकाबला नहीं कर सकते जिन्‍होंने जबरदस्‍त तरक्‍की की है.”

युवा आएं आगे
नारायणमूर्ति ने कहा कि देश की कार्य उत्‍पादकता बढ़ाने को युवाओं को आगे आना होगा. उन्‍होंने कहा, “मेरी यंगस्‍टर्स से अपील है कि वो आगे आएं और कहें, ये मेरा देश है. मैं सप्‍ताह में 70 घंटे काम करना पसंद करुंगा.” नारायणमूर्ति ने कहा कि द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी ने ऐसा किया था. दोनों देशों ने कई वर्षों तक यह सुनिश्चित किया कि उनके नागरिक कुछ अतिरिक्‍त घंटे काम करें

नारायणमूर्ति ने कहा कि भारत की जनसंख्‍या में युवाओं की तादात सबसे ज्‍यादा है. इसलिए देश को तरक्‍की की राह पर तेजी से आगे ले जाने की जिम्‍मेदारी भी युवाओं के कंधों पर ही है. देश का वर्क कल्‍चर बदलना चाहिए. यह अनुशासन, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प पर आधारित होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार बहुत कुछ नहीं कर पाएगी.

जैसे लोग वैसी सरकार
नारायणमूर्ति ने कहा कि हमें अनुशासित होना होगा और अपनी वर्क प्रोडक्टिविटी बढ़ानी होगी. जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, तब तक सरकार भी हमारा भला नहीं कर पाएगी. जैसी लोगों की संस्‍कृति होगी, सरकार भी वैसी ही होगी. इसलिए हमें खुद को अत्यधिक दृढ़निश्चयी, अत्यंत अनुशासित और अत्यंत परिश्रमी व्‍यक्ति के रूप में बदलना होगा. बदलाव की शुरुआत युवाओं से होनी चाहिए.