किसानों के लिए खुशखबरी! अब फसल की जड़ में नहीं लगेंगे कीट, UPCSR ने निकाला ये रामबाण उपाय

किसानों के लिए खुशखबरी! अब फसल की जड़ में नहीं लगेंगे कीट, UPCSR ने निकाला ये रामबाण उपाय

October 17, 2023 Off By NN Express

दरअसल उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कल्चर तैयार किया है. जिसे बुवाई के समय खेत में डालने से फसल सुरक्षित रहेगी. फसल की जड़ों में कोई कीट नहीं लगेगा और उत्पादन भी बंपर होगा.

शाहजहांपुर ।उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है.अब फसल की जड़ों में लगने वाले कीटों से किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. दरअसल उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कल्चर तैयार किया है. जिसे बुवाई के समय खेत में डालने से फसल सुरक्षित रहेगी. फसल की जड़ों में कोई कीट नहीं लगेगा और उत्पादन भी बंपर होगा.

गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुनील विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि वैज्ञानिकों ने बवेरिया बेसियाना और मेटाराइजियम एनिसोप्ली नाम की दो फफूंदी को मिलाकर एक कल्चर तैयार किया गया है. यह कल्चर फसल की जड़ों में लगने वाले कीटों का प्रभावी नियंत्रण करता है. यह पूरी तरह से जैविक है. जैविक होने की वजह से भूमि के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में मददगार साबित होगा.

कीटों से मिलेगा छुटकारा
गन्ना शोध परिषद ने जैविक कल्चर तैयार किया है. इसकी मदद से फसल की जड़ों में लगने वाली दीमक और जड़ भेदक कीटों के साथ जो अन्य भूमिगत कीट फसलों को नुकसान करते हैं उनका प्रभावी नियंत्रण इस जैविक उत्पाद से किया जा सकेगा.

कब करना है इसका इस्तेमाल?
गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर सुनील विश्वकर्मा ने बताया कि बवेरिया बेसियाना और मेटाराइजियम एनिसोप्ली का इस्तेमाल खेत की अंतिम जुताई के समय करना है. इसको ढाई किलो प्रति एकड़ के हिसाब से सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलकर खेत में डाल देना है. जिसके बाद खेत को जोत कर फसल बुवाई करनी है.


क्या है इस जैविक कल्चर का लाभ?
अगर कोई भी किसान बवेरिया बेसियाना और मेटाराइजियम एनिसोप्ली का कल्चर खरीदना चाहता है तो वह शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद आकर यह अपनी जरूरत के अनुसार ले सकता है. इस कल्चर की कीमत 56 रूपए प्रति किलो रखी गई है.यह कल्चर बेहद ही प्रभावी है. इस कल्चर का इस्तेमाल करने के बाद किसानों की फसल अच्छी होगी. जड़ों में कीट नहीं लगेंगे. ऐसे में अन्य रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल भी नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि कल्चर पूरी तरह से जैविक है.