Karwa Chauth 2022 : कल मनाया जाएगा करवा चौथ, ऐसे करें पूजा, जीवनभर बनी रहेगी खुशहाली

Karwa Chauth 2022 : कल मनाया जाएगा करवा चौथ, ऐसे करें पूजा, जीवनभर बनी रहेगी खुशहाली

October 12, 2022 Off By NN Express

रायपुर, 12 अक्टूबर I सुहागिनों का सबसे खास पर्व करवा चौथ कल 13 अक्टूबर को हैं। शास्त्रों में कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखने का विधान है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की खुशी के लिए पूरा दिन बिना अन्न-जल के रहती हैं। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद पुरे दिन गाना-बजाना करके शाम को अपना व्रत तोड़ती हैं। महिलाएं शाम के समय चंद्रमा का दर्शन करने के बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करती हैं।

बता दें कि करवा चौथ व्रत में भगवान शिव, मां पार्वती और चंद्रदेव की पूजा का विधान है। इस बार करवा चौथ व्रत की सही तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति है। कुछ लोग करवा चौथ 13 अक्टूबर को मनाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं कुछ 14 अक्टूबर को करवा चौथ व्रत मनाने की सोच रहे हैं। ऐसे में करवा चौथ व्रत कब रखना है ये स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। चलिए हम आपको बताते हैं करवा चौथ व्रत की सही तारीख और शुभ मुहूर्त।

दरअसल हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का बहुत महत्त्व है। ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस बार करवा चौथ का व्रत शुक्र ग्रह के अस्त के दौरान पड़ रहा है। बता दें कि शुक्र देव 29 सितंबर से 22 नवंबर तक अस्त रहने वाले हैं। इस वजह से इस दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। ऐसे में व्रती इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि आखिर करवा चौथ का व्रत कब रखना उचित होगा। हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार करवा चौथ व्रत की तारीख 13 अक्टूबर बताई गई है।

करवा चौथ के दिन महिलाओं को छोटी-छोटी चीज़ों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता हैं, लेकिन फिर भी कुछ गलतियां हो ही जाती हैं। इस दिन महिलाएं चंद्रमा दर्शन के लिए थाली सजाएं। उस थाली में दीपक,सिंदूर,रोली,चावल आदि पूजा की सामग्री रखें। यह करने के बाद करवे में जल भरकर मां गौरी व गणेश भगवान की पूजा- अर्चना करें। पूजा के बाद चन्द्रमा निकलने के बाद छन्नी से या जल में चंद्रमा को देखें और अर्घ्य देकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनें। कथा सुनने के बाद अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें। अपनी सासू माँ का आशीर्वाद लेकर श्रृंगार की सामग्री दें। इस दिन काले व सफेद कपड़े न पहने। यह व्रत केवल सुहागिन महिलाएं व जिनका रिश्ता तय हुआ हैं, वो ही इस व्रत को कर सकते हैं।