छत्तीसगढ़ चेम्बर व कैट ने प्रिंसिपल कमिश्नर सेन्ट्रल को जीएसटी सरलीकरण संबंधी दिये सुझाव

छत्तीसगढ़ चेम्बर व कैट ने प्रिंसिपल कमिश्नर सेन्ट्रल को जीएसटी सरलीकरण संबंधी दिये सुझाव

October 11, 2022 Off By NN Express

रायपुर ,11 अक्टूबर  छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल एवं कैट (सी.जी.चेप्टर) के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, महामंत्री सुरिन्दर सिंह, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि आज दिनांक 11 अक्टूबर 2022, मंगलवार को अतुल गुप्ता , प्रिंसिपल कमिश्नर, सेन्ट्रल जीएसटी से चेम्बर एवं कैट(सी.जी.चेप्टर) के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर जीएसटी सरलीकरण संबंधी सुझाव दिये।

अमर पारवानी ने पत्र के माध्यम से बताया कि जीएसटी सरलीकरण एवं विसंगतियों को दूर करने औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों से प्राप्त सुझाव निम्नानुसार हैः-

जीएसटी हेतु सुझाव:-

ऽ विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए

ऽ एक ही लेनदेन पर दो दो बार ब्याज

ऽ RCM संबधित प्रावधान

ऽ इनपुट टेक्स क्रेडिट  जीएसटीआर 2बी के आधार पर मान्य होने  

ऽ जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलने बाबत

ऽ स्टेशनरी वस्तु “पेन“ पर जीएसटी में वृद्धि बाबत

ऽ नियम 86 बी- Restriction of ITC to 99%

ऽ पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर-1 जमा करने पर प्रतिबंध

ऽ नियम  21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण

ऽ ई-इनवॉइसिंग के 1 अक्टूबर 2022 से रु.10 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लेने बाबत

ऽ ई-इनवॉइसिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए

ऽ ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती

ऽ माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं

ऽ छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत्

ऽ जीएसटी वार्षिक विवरण के संबंध में सुझाव

ऽ ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु

ऽ जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने बाबत

ऽ रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं

ऽ जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव

ऽ व्यवसाय को राहत देने इज आफ डुईंग हेतु सुझाव

ऽ हेल्प डेस्क प्रणाली को सुदृढ किया जाए

ऽ जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव

ऽ बिना तले हुए फ्राइम्स पर रेट के संबंध में स्पष्टीकरण

ऽ आइसक्रीम पर दर में कमी और आइसक्रीम निर्माताओं को कंपोजिशन योजना का लाभ प्रदान करना।

ऽ एक व्यवसाय एक कर

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष पारवानी ने प्रिसिपल कमिश्नर सेन्ट्रल जीएसटी को जानकारी दी कि वर्तमान में व्यापारी वर्ग जीएसटी की दरों से जितना परेशान नहीं हैं उससे अधिक परेशान जीएसटी में परिवर्तन की दरों (जीएसटी के प्रावधानों में निरंतर हो रहे संशोधनों) से हैं । अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि जीएसटी के प्रावधानों में संशोधन कम हो एवं संशोधन वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से ही लागू हो।

पारवानी ने प्रिसिपल कमिश्नर सेन्ट्रल जीएसटी से निवेदन किया कि व्यापार एवं उद्योग के हित में तथा जीएसटी के सरलीकरण के दिशा में उपरोक्त सुझावों को जीएसटी काउंसिल में रखते हुए सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। प्रतिनिधि मंडल में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी,कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, उपाध्यक्ष-हीरा माखीजा, टी.श्रीनिवास रेड्डी, मनोज कुमार जैन,  संगठन मंत्री-महेन्द्र कुमार बागड़ोदिया, मंत्री-शंकर बजाज, राजेन्द्र खटवानी, प्रशांत गुप्ता, नीलेश मूंधड़ा, कैट(सी.जी.चेप्टर) के चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, अवनीत छाबड़ा, उद्योग चेम्बर सलाहकार सुनील अग्रवाल, प्रहलाद अग्रवाल, उद्योग चेम्बर अध्यक्ष अश्विन गर्ग, उपाध्यक्ष विक्रम जैन, कोषाध्यक्ष-नीरज जैन प्रमुख रूप से शामिल थे।