अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली कंपनी वेदांता लिमिटेड ने 29 सितंबर को अपने अलग-अलग बिजनेस के डीमर्जर का ऐलान किया

अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली कंपनी वेदांता लिमिटेड ने 29 सितंबर को अपने अलग-अलग बिजनेस के डीमर्जर का ऐलान किया

September 30, 2023 Off By NN Express

जाने-माने उद्ममी अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली कंपनी वेदांता लिमिटेड ने 29 सितंबर को अपने अलग-अलग बिजनेस के डीमर्जर का ऐलान किया। वेदांता अलग-अलग बिजनेस वर्टिकल मसलन मेटल, पावर, एल्युमीनियम और ऑयल एंड गैस के आधार पर डीमर्जर की प्रोसेस को आगे बढ़ाएगी।

कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया, ‘हम बताना चाहते हैं कि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 29 सितंबर, 2023 को हुई बैठक में कंपनी के डीमर्जर को मंजूरी दे दी है।’

डीमर्जर प्लान के मुताबिक, कंपनी की योजना 6 अलग लिस्टेड इकाइयां बनाने की है:

 वेदांता एल्युमीनियम (Vedanta Aluminium)

• वेदांता ऑयल एंड गैस (Vedanta Oil & Gas)

• वेदांता पावर (Vedanta Power)

• वेदांता स्टील एंड फेरस मटीरियल्स (Vedanta Steel and Ferrous Materials)

• वेदांता बेस मेटल्स (Vedanta Base Metals)

• वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited)

वेदांता का कहना है कि डीमर्जर को वर्टिकल के हिसाब से बंटवारे के तौर पर अंजाम दिया जाएगा। इसके तहत, वेदांता लिमिटेड के हर एक शेयर के बदले शेयरधारकों को नई लिस्टेड 5 कंपनियों में एक-एक शेयर मिलेंगे। वेदांता के पास भारतीय और ग्लोबल कंपनियों में मेटल और मिनरल संबंधी एसेट का पोर्टफोलियो है। कंपनी अब सेमीकंडक्टर और डिस्पेल ग्लास की मैन्युफैक्चरिंग में भी एंट्री कर रही है।

कंपनी का मानना है कि डीमर्जर के बाद हर इकाई के पास ग्रोथ के लिए अपने तरीके से काम करने की आजादी होगी और अलग मैनजेमेंट, पूंजी आवंटन और ग्रोथ के लिए अलग स्ट्रैटेजी के जरिये इकाइयां अपनी संभावनाओं का बेहतर इस्तेमाल कर पाएंगी।

डीमर्जर के बारे में वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया, ‘ हमारा मानना है कि अपनी बिजनेस यूनिट के डीमर्जर के जरिये हर वर्किटल में बेहतर ग्रोथ की संभावना बनेगी। बेशक सभी वर्टिकल प्राकृतिक संसाधनों के दायरे में आते हैं, लेकिन हर संसाधन का मार्केट और डिमांड-सप्लाई ट्रेंड अलग है। वेदांता की तरह ही हर कंपनी अपने एंप्लॉयीज, अपनी कम्युनिटी और धरती को लेकर प्रतिबद्ध होगी। हम अपने बिजनेस को चलाने के लिए नए तरीके की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन बेहतर बदलाव के लिए हमारी कोशिश पहले की तरह जारी रहेगी।’

इससे पहले वेदांता की सब्सिडियरी हिंदुस्तान जिंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि बोर्ड ने ग्रोथ की संभावनाओं के बेहतर इस्तेमाल के लिए कॉरपोरेट रीस्ट्रक्चरिंग के विकल्पों पर गौर करने का फैसला किया है। रीस्ट्रक्चरिंग का मुख्य मकसद जिंक, लेड, सिल्वर और रीसाइक्लिंग बिजनेस के लिए अलग इकाइयां तैयार करना है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( BSE) में 29 सितंबर को वेदांता का शेयर 7 पर्सेंट की बढ़ोतरी के सात 222.50 रुपये पर बंद हुआ।