टमाटर के बाद अब रुलाएगा प्याज, ये है वजह…

टमाटर के बाद अब रुलाएगा प्याज, ये है वजह…

September 28, 2023 Off By NN Express

मुंबई । टमाटर के बाद अब प्याज की महंगाई लोगों को रुलाने आ रही है। प्याज एक ऐसी सब्जी है, जो हर रसोई में मौजूद होता है। प्याज का महंगा (Onion price rise) होना एक बार फिर रसोई का बजट बिगाड़ सकता है। प्याज के महंगे होने की वजह है व्यापारियों की हड़ताल। नासिक जिले के 15 एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमिटी के व्यापारियों ने अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। उनकी यह हड़ताल महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों में भी फैलने की आशंका है। इससे प्याज की सप्लाई पर असर पड़ सकता है, जिससे प्याज महंगा हो सकता है। हड़ताली कारोबारियों की मांग को लेकर राज्य सरकार की ओर से अभी तक बातचीत की कोई पहल नहीं की है।

नासिक में होती है प्याज की सबसे ज्यादा खरीद-बिक्री
महाराष्ट्र में प्याज का सबसे ज्यादा उत्पादन और खरीद-बिक्री नासिक जिले में होता है। बुधवार को प्याज के व्यापारियों ने नासिक जिले के 15 APMC मार्केट में करीब 500 व्यापारियों ने प्याज की खरीद बंद कर दी। उन्होंने मंडियों में होने वाली प्याज की नीलामी में भाग नहीं लेने की घोषणा की। नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष खांडू देवरे ने कहा कि उन्होंने बुधवार से 15 नासिक कमिटी में प्याज की नीलामी पर अनिश्चितकालीन रोक लगाने की घोषणा की है।

व्यापारियों की हैं अलग-अलग मांगें
इस बारे में लासलगांव कमिटी मार्केट के डायरेक्टर जयदत्त होलकर ने कहा कि व्यापारियों की अलग-अलग मांगें हैं। एक मांग यह है कि 4 प्रतिशत कमिशन को फिर से बहाल किया जाए। करीब 10-12 साल पहले सरकार ने 4 प्रतिशत कमिशन बंद कर दिया था। यह कमिशन किसान व्यापारी को माल बेचने के एवज में देता था। अब व्यापारी मांग कर रहे हैं कि इसे फिर से बहाल किया जाए। दूसरी मांग है कि टर्नओवर पर एक प्रतिशत टैक्स लगता है जिसे 0.50 प्रतिशत किया जाए। निर्यात पर लगी ड्यूटी को खत्म करने की मांग भी इसमें शामिल है। व्यापारियों ने यह भी मांग की है कि नैशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जो प्याज किसानों से खरीद रही है वह खुले बाजार में न बेचे।

सरकार की ये दो एजेंसियां खरीद रहीं प्याज
नासिक जिले में प्याज का कारोबार करने वाले व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की दो एजेंसियां- NAFED और नैशनल को-ऑपरेटिव कंस्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) किसानों से प्याज खरीद रही हैं और इसे देश के विभिन्न हिस्सों में APMC को बेच रही हैं। कुछ व्यापारियों ने कहा कि कीमत का अंतर 500-700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। दोनों केंद्रीय एजेंसियां दूसरे थोक बाजारों में लगभग 1,500 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर उपज बेच रही हैं। देश के सबसे बड़े प्याज थोक बाजार लासलगांव APMC में प्याज की औसत थोक कीमत लगभग 2,000 रुपये प्रति क्विंटल है।