सूर्य पर जाने के लिए 2 को निकलेगा आदित्य- एल 1

सूर्य पर जाने के लिए 2 को निकलेगा आदित्य- एल 1

September 2, 2023 Off By NN Express

दिल्ली  चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) सूरज की स्टडी करने की तैयारी में है। इसके लिए शनिवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट को PSLV XL रॉकेट के जरिए श्री श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

​आदित्य L1 सूर्य की स्टडी करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के 4 महीने बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है।

लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) क्या है?
लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में L1 नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता है।

ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और एनर्जी भी कम लगती है। पहला लैगरेंज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।

L1 पॉइंट पर ग्रहण बेअसर, इसलिए यहां भेजा जा रहा
आदित्य यान को सूर्य और पृथ्वी के बीच हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। इसरो का कहना है कि L1 पॉइंट के आस-पास हेलो ऑर्बिट में रखा गया सैटेलाइट सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देख सकता है। इससे रियल टाइम सोलर एक्टिविटीज और अंतरिक्ष के मौसम पर भी नजर रखी जा सकेगी।

आदित्य L1 के 7 पेलोड सूर्य को समझेंगे
आदित्य यान, L1 यानी सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन पॉइंट पर रहकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा। यह लैग्रेंजियन पॉइंट के चारों ओर की कक्षा, फोटोस्फियर, क्रोमोस्फियर के अलावा सबसे बाहरी परत कोरोना की अलग-अलग वेब बैंड्स से 7 पेलोड के जरिए टेस्टिंग करेगा।

आदित्य L1 के सात पेलोड कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टिविटीज की विशेषताओं, पार्टिकल्स के मूवमेंट और स्पेस वेदर को समझने के लिए जानकारी देंगे। आदित्य L-1 सोलर कोरोना और उसके हीटिंग मैकेनिज्म की स्टडी करेगा।

आदित्य L1 के साथ जाएंगे 7 पेलोड
आदित्य L1 मिशन के साथ जो सात पेलोड भेजे जाएंगे, उनके नाम हैं- विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) और मैग्नेटोमीटर पेलोड।
विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) पेलोड सोलर कोरोना और कोरोनल मास इजेक्शन के डायनेमिक का अध्य्यन करेगा।

सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT) पेलोड अल्ट्रा वॉयलेट वेवलेंथ के करीब सोलर फोटोस्फियर और क्रोमोस्फियर की तस्वीरें लेगा और सोलर इरेडिएंस (सूर्य से पृथ्वी तक आने वाली लाइट एनर्जी) में बदलावों का अध्य्यन करेगा।
आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) और प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) पेलोड सोलर विंड (सूर्य के चारों और उठने वाली सौर आंधी) और एनर्जी पार्टिकल्स की स्टडी करेंगे। ये पेलोड इन पार्टिकल्स की एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन का भी अध्य्यन करेंगे।
सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS) और हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) विस्तृत एक्स-रे एजर्नी रेंज से सूर्य के एक्स-रे फ्लेयर्स की स्टडी करेंगे।
मैग्नेटोमीटर पेलोड L1 पॉइंट पर ग्रहों के बीच की मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी करेगा।