Aditya-L1 लॉन्च से पहले मंदिर पहुंच ISRO चीफ ने की पूजा, ‘Gaganyaan’ मिशन के बारे में भी दी यह खास जानकारी…देखें VIDEO…

Aditya-L1 लॉन्च से पहले मंदिर पहुंच ISRO चीफ ने की पूजा, ‘Gaganyaan’ मिशन के बारे में भी दी यह खास जानकारी…देखें VIDEO…

September 1, 2023 Off By NN Express

ISRO का आदित्य एल-1 लॉन्च के लिए पूरी तरह तैयार है. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 2 सितंबर की सुबह 11:50 बजे आदित्य एल-1 को लॉन्च किया जाएगा. लॉन्च से एक दिन पहले ISRO प्रमुख एस सोमनाथ (ISRO Chief S Somanath) ने मंदिर में मत्था टेका.

ISRO चीफ एस सोमनाथ ने आदित्य-एल1 (Aditya-L1) मिशन के लॉन्च से पहले, तिरूपति के चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की. पूजा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए इसरो प्रमुख ने कहा, ‘आज आदित्य एल1 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. यह कल सुबह 11.50 बजे लॉन्च होगा. आदित्य एल1 सैटेलाइट सूर्य का अध्ययन करने के लिए है.

उन्होंने बताया कि एल1 बिंदु (L1 Point) तक पहुंचने में इसे 125 दिन लगेंगे. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्षेपण है. उन्होंने चंद्रयान-4 को लेकर भी जानकारी दी. इसरो प्रमुख ने कहा कि हमने अभी तक इसका फैसला नहीं किया है (Chandrayaan-4), हम जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे. आदित्य एल-1 के बाद, हमारा अगला लॉन्च गगनयान (Gaganyaan) है और यह अक्टूबर के पहले हफ्ते तक लॉन्च किया जाएगा.

PSLV से लॉन्च होगा Aditya-L1

भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य एल1’ को PSLV से लॉन्च किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसकी जानकारी दी. सौर मिशन पर ऐसे समय में अमल किया जा रहा है जब कुछ ही दिनों पहले भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंचा. ISRO ने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘पीएसएलवी-सी57 / आदित्य एल1 मिशन : भारतीय समय के अनुसार दो सितंबर 2023 को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुरू.’ इसमें कहा गया है कि 23 घंटे 40 मिनट की उल्टी गिनती 12 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई.

15 लाख किलोमीटर तक का सफर

आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. यह सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला समर्पित मिशन है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ऐसे समय अंजाम देने जा रहा है जब हाल ही में इसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराकर एक नया इतिहास रचते हुए देश को गौरवान्वित किया है.