SUCCESS STORY : जानिए माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नाडेला की पूरी कहानी…

SUCCESS STORY : जानिए माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नाडेला की पूरी कहानी…

August 19, 2023 Off By NN Express

कंप्यूटर की दुनिया में बड़ा नाम कमाने वाले सत्या नारायण नडेला का आज जन्मदिन है. सत्या नडेला का जन्म 19 अगस्त, 1967 को हमारे देश के हैदराबाद शहर में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लगाकर जीवन का एक महत्वपूर्ण अरसा हैदराबाद में रहते हुए बिताया. हालांकि बचपन से ही उन्हें टेक्नोलॉजी का बड़ा शौक था, लिहाजा कंप्यूटर क्षेत्र में नाम कमाने की शुरुआत उनकी बचपन से ही हो गई थी… हालांकि इसके बाद उनके जीवन में कई मोड़ आए, जिसे आगे हम इस आर्टिकल में एक-एक कर पढ़ेंगे.

शुरुआती जीवन

साल 2014, ये वो वर्ष था जब भारत में जन्में सत्या नारायण नडेला ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ की भूमिका संभाली, जिसके बाद उनकी छवी एक वैश्विक आइकन के तौर पर तबदील हो गई. हालांकि यहां तक पहुंचने का उनका ये सफर काफी लंबा रहा. अपने प्रारंभिक वर्ष दक्षिण भारतीय शहर हैदराबाद में बिताने के बाद, मैंगलोर में उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद बी.एससी. की डिग्री थामे और अपनी योग्यता लिए वो साल 1988 में संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंच गए. वहां उन्होंने साल 1990 में मिल्वौकी में विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की. 

शिखर का सफर

साल था 1992 का, सत्या नडेला को अमेरिका आए 3-4 साल हो चुके थे. अब उनके करियर की असल शुरुआत होनी थी, नडेला ने  Sun Microsystems, Inc. में टेक्नोलॉजी स्टाफ के सदस्य के तौर पर शामिल हुए. उन्होंने वहां ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज एनटी में डेवलपर की भूमिका अदा की. साथ ही साथ आगे पढ़ाई भी जारी रखी और साल 1997 में शिकागो विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद कुछ ही सालों में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस दौरान उनके प्रभावशालि कार्यकाल में कंपनी को सालाना लगभग 19 बिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ. 

हासिल की सफलता

आखिरकार इतने लंबे इंतजार के बाद वो वक्त आ ही गया, तारीख 4 फरवरी 2014 को सत्य नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ का पद संभाला.  माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के नक्शेकदम पर चलते हुए, वह कंपनी के 40 साल के इतिहास में इस प्रतिष्ठित पद को पाने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए, जिसके बाद कंपनी में काम करते हुए उन्होंने कई कीर्तिमान रचे.