करोड़ों की संपत्ति, मुंबई में फ्लैट : मिलिए दुनिया के सबसे अमीर भिखारी से…

करोड़ों की संपत्ति, मुंबई में फ्लैट : मिलिए दुनिया के सबसे अमीर भिखारी से…

August 16, 2023 Off By NN Express

मुंबई । आमतौर पर भिखारी श‍ब्‍द अक्‍सर पैसों के संकट, खाने की संकट जैसे समस्‍याओं से जूझ रहे व्‍यक्तियों, फटे पुराने कपड़ें और बिखरे बाल से जोड़ा जाता है। ये समाज के सबसे गरीब वर्ग से भी ताल्‍लुक रखते हैं। हालांकि भीख मांगना कुछ व्‍यक्तियों के लिए एक पेशा बन चुका है और वे इससे करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटा चुके हैं।

आज हम आपको एक ऐसे ही भिखारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दुनिया का सबसे अमीर भिखारी है और इसके पास एक दो करोड़ रुपये नहीं बल्कि 7 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की संपत्ति है। दुनिया के सबसे अमीर भिखारी मुंबई शहर में रहता है। भरत जैन दुनिया के सबसे अमीर भिखारी के रूप में पहचाने गए हैं। यह मुंबई की सड़कों पर भीख मांगते हुए पाए जाते हैं। आर्थिक तंगी के कारण वे शिक्षा नहीं प्राप्‍त कर पाए। इनकी शादी हो चुकी है और उनके साथ उनकी पत्‍नी, दो बेटे, उनका भाई और उनके पिता रहते हैं।

शुरुआत में आर्थिक समस्‍या के कारण भरत जैन ने अपने बच्‍चों की शिक्षा पूरी कराई है। मूल रूप से मुंबई के रहने वाले भरत जैन ने 7.5 करोड़ रुपये या 1 मिलियन डॉलर की कुल संपत्ति पा चुके हैं। भीख मांगने से ही उनकी मंथली कमाई 60 हजार रुपये से लेकर 75 हजार रुपये तक होती है।

भरत जैन के पास मुंबई में 1.2 करोड़ मूल्य का दो बेडरूम वाला फ्लैट है और उन्होंने ठाणे में दो दुकानें बनवाई हैं, जहां से उन्‍हें हर महीने 30,000 रुपये किराया मिलता है। भरत जैन को अक्सर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस या आजाद मैदान जैसे प्रमुख स्थानों पर भीख मांगते देखा जा सकता है। इतनी संपत्ति होने के बावजूद भरत जैन मुंबई की संड़कों पर भीख मांगने का काम करते हैं। भरत जैन 10 से 12 घंटे के भीतर प्रति दिन दो हजार रुपये से लेकर 2500 रुपये जुटा लेते हैं।

कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ते हैं बच्‍चे
अपने व्‍यवसाय से इनकम होने के बावजूद भरत जैन और उनका परिवार परेल में 1BHK डुप्लेक्स निवास में रहता है। उनके बच्‍चे कॉन्‍वेंट स्‍कूल में बढ़ते हैं। इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्य एक स्टेशनरी स्टोर संचालित करते हैं, जो आय का अन्‍य सोर्स है। रिपोर्ट के अनुसार, उनका परिवार, उन्‍हें भीख मांगने देना बंद करने की सलाह देता है, पर वह नहीं मानते हैं।