महंगी हुई वेज थाली, टमाटर बना सबसे बड़ी वजह….

महंगी हुई वेज थाली, टमाटर बना सबसे बड़ी वजह….

August 7, 2023 Off By NN Express

जुलाई के महीने में आम लोगों की वेज थाली में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वेज थाली की कीमत जून की तुलना में जुलाई में 28 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. इसमें 25 फीसदी इजाफा महंगे टमाटर को माना जा सकता है. जून में 33 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई में इसकी कीमत 233 फीसदी बढ़कर 110 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई.

यह लगातार तीसरी बार है जब वेज थाली की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2023-24 में, यह पहली बार है कि थाली की कीमत सालाना आधार में इजाफा देखने को मिला है. वहीं दूसरी ओर नॉन वेज थाली की कीमत में जून महीने के मुकाबले जुलाई के महीने में 13 फीसदी का इजाफा का इजाफा देखने को मिला है.

आम जेब पर दिखा साफ असर

क्रिसिल नॉर्थ, साउथ, ईस्ट और वेस्ट भारत में मौजूदा इनपुट कॉस्ट के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की एवरेज कॉस्ट को कैलकुलेट करता है. जून के मुकाबले जुलाई के महीने में जो बदलाव देखने को मिले हैं उसका असर आम लोगों की जेब पर साफ देखने को मिल रहा है. टमाटर और दूसरी सब्जियों के अलावा अनाज, दालें, ब्रॉयलर, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस सहित उन सामानों की कीमतों में इजाफा हुआ है जो जो खाने की थाली की कीमत में इजाफा करते हैं.

आलू प्याज की कीमत में इजाफा

शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है. मांसाहारी थाली के लिए दाल की जगह चिकन को रखा गया है. एजेंसी ने अपने इंडिकेटर में कहा कि प्याज और आलू की कीमतों में महीने-दर-महीने क्रमशः 16 फीसदी और 9 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जिससे कॉस्ट में और भी इजाफा हुआ है.

हरी मिर्च और जीरे की कीमतों में तेजी

क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार मिर्च और जीरा की कीमतें भी बढ़ीं. जुलाई में इनकी कीमतें क्रमिक रूप से 69 फीसदी और 16 फीसदी बढ़ीं. क्रिसिल ने कहा कि हालांकि, थाली में इस्तेमाल होने वाली इन सामग्रियों की कम मात्रा को देखते हुए, उनकी कॉस्ट में योगदान कुछ सब्जियों की तुलना में कम रहता है.

मांसाहारी थाली की कीमत धीमी गति से बढ़ी क्योंकि ब्रॉयलर की कीमत, जो लागत का 50 फीसदी से अधिक है, जुलाई में 3-5 प्रतिशत घटने की संभावना है. इंडिकेटर के अनुसार वनस्पति तेल की कीमत में महीने-दर-महीने 2 प्रतिशत की गिरावट ने वृद्धि से कुछ राहत प्रदान की.