BIG BREAKING : माता-पिता की परमिशन के बिना लव मैरिज नहीं,  CM का बड़ा बयान….

BIG BREAKING : माता-पिता की परमिशन के बिना लव मैरिज नहीं, CM का बड़ा बयान….

August 2, 2023 Off By NN Express

गुजरात सरकार लव मैरिज को लेकर एक ऐसे नए प्रावधान लाने पर विचार करने जा रही है जिसमें दो लोगों को प्रेम विवाह करने के लिए माता-पिता से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक समारोह में कहा कि हमारी सरकार अब इस बात पर विचार करने जा रही है कि क्या लव मैरिज के लिए संवैधानिक सीमा में रहकर माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाया जा सकता है.

सीएम पटेल की ओर यह बयान तब आया है जब पाटीदार समाज के कुछ धड़ों की ओर से लव मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाए जाने की लगातार मांग की जा रही है.

मेहसाणा जिले में सरदार पटेल ग्रुप की ओर से कल रविवार को आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने उन्हें शादी के लिए युवतियों को भगाने से जुड़ी घटनाओं को लेकर अध्ययन कराने का सुझाव दिया है, जिससे इस तरह की व्यवस्था तैयार की जा सके, जिसमें लव मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य बना दिया जाए. सरदार पटेल ग्रुप पाटीदार समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है.

बेस्ट व्यवस्था लागू करने की कोशिशः CM पटेल

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “लव मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति लिए जाने को अनिवार्य किए जाने को अगर संविधान समर्थन करता है, तो हम इस संबंध में आवश्यक अध्ययन करेंगे. इसके लिए अपनी ओर से बेस्ट व्यवस्था लागू करने की कोशिश करेंगे.”

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर समर्थन दिया जा सकता है क्योंकि पार्टी के विधायक इमरान खेड़ावाला ने कहा कि सरकार विधानसभा में इस संबंध में अगर कोई बिल लाती है, तो वह समर्थन करेंगे.

जबरन धर्मांतरण से जुड़ा मामला SC में

खेड़ावाला ने कहा, “अक्सर ऐसा होता है कि लव मैरिज के दौरान माता-पिता को इग्नोर कर दिया जाता है, अब अगर सरकार लव मैरिज के लिए संवैधानिक तौर पर कोई विशेष प्रावधान लाने को विचार कर रही है तो मैं उसका समर्थन करूंगा.”

इससे पहले गुजरात सरकार की ओर से साल 2021 में गुजरात धार्मिक स्वंतत्रता अधिनियम में बदलाव किया गया था. इस संशोधन के जरिए शादी के लिए फर्जी तरीके से या फिर जबरन धर्मांतरण को भी अपराध बनाया गया था. इस मामले में दोषियों को 10 साल की जेल की सजा देने का प्रावधान भी था.

फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. सरकार के फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट ने संशोधन की विवादित धाराओं के अमल पर रोक लगा दी थी. हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. अभी यह मामला शीर्ष अदालत में विचाराधीन है.