BIG BREAKING : 150 मोमोज खाने से हो गई मौत, क्या ओवरईटिंग से गई जान या कुछ और है कारण

BIG BREAKING : 150 मोमोज खाने से हो गई मौत, क्या ओवरईटिंग से गई जान या कुछ और है कारण

July 17, 2023 Off By NN Express

हाल ही में बिहार में एक युवक की ज्यादा मोमोज खाने से मौत हो गई है. इस युवक ने दोस्तों के साथ शर्त लगाकर 150 मोमोज खा लिए थे. क्षमता से कहीं ज्यादा मोमोज खाने के बाद अचानक उस शख्स की तबीयत खराब हो गई और गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.

डॉक्टरों ने बचाने की कोशिश भी की लेकिन इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई. ज़ाहिर है मोमोज के ओवरइटिंग से युवक की मौत चर्चा का विषय बन गया है. आइए समझते हैं कि ओवरइटिंग क्यों कई बार मौत का कारण बन सकती है.

इस बारे में एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कोई व्यक्ति अपनी क्षमता से ज्यादा खाता है तो उसके पेट पर अत्यधिक प्रेशर पड़ने लगता है. ज्यादा खाने के बाद पेट फूलना और लंग्स पर अत्यधिक प्रेशर पड़ना लाजिमी है. इस स्थिति में सांस लेने में परेशानी होना स्वाभाविक है.

कई मामलों में हार्ट तक ऑक्सीजन सप्लाई होने में भी परेशानी होने लगती है और अचानक मौत की खबरें सुनाई पड़ती है. अगर कोई व्यक्ति एक ही समय में अपने शरीर की क्षमता से 4 गुना भोजन भी करले तो भी मौत हो सकती है.

क्या मोमोज बने मौत का कारण?

सफदरजंग हॉस्पिटल में मेडिसिन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि ओवरईटिंग मौत का कारण बन सकती है. मोमोज हो या फिर कोई दूसरा फूड अगर शरीर की क्षमता के हिसाब से ज्यादा खाएंगे तो मौत होने का खतरा रहता ही है. इस केस में व्यक्ति ने 150 मोमोज खाया था, जो शरीर की क्षमता से कई गुना ज्यादा है. इतने मोमोज खाने के दौरान ही उसके शरीर में परेशानी बनना शुरू हो गया होगा जो डेथ में परिणत हुई है.

डॉ किशोर कहते हैं कि कोई भी फूड एक लिमिट में ही खाना ठीक होता है. अगर शरीर की क्षमता के हिसाब से ज्यादा खाते हैं तो सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई एकदम रुक भी सकती है, जिससे मौत भी हो सकती है. ऐसा डायाफ्राम (Diaphragm) के फंक्शन पर असर होने की वजह से होता है. दरअसल, डायाफ्राम मानव शरीर का एक अहम अंग है. यह फेफड़े के नीचे सांस लेने वाली मांसपेशी है जो सांस लेने के प्रक्रिया में सहायता करती है.

डायाफ्राम के फंक्शन न करने से हो जाती है मौत

डॉ किशोर कहते हैं कि जब कोई इंसान सांस लेता है तो डायाफ्राम सिकुड़ता है और लंग्स में हवा भरने के लिए स्पेस बनाता है. इस प्रक्रिया के दौरान जब डायाफ्राम ऊपर की ओर प्रेशर डालता है तो इंसान सांस छोड़ता है. शरीर में 24 घंटे डायाफ्राम इसी प्रोसेस को करता रहता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति अधिक भोजन कर लेता है तो उससे पेट पर प्रेशर पड़ता है. पेट फूलता है और वो डायाफ्राम के फंक्शन पर असर डालता है. इस कारण डायाफ्राम अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाता, जिससे फेफड़ों में हवा की सप्लाई नहीं होती और सांस लेने में परेशानी होने लगती है. समय पर इलाज न मिलने से यह स्थिति मौत का कारण बनती है.

सांस लेने में परेशानी से होती है अधिकतर मौतें

दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अजय कुमार बताते हैं कि ओवरईटिंग के मामलों में अधिकतर मौतें सांस लेने में परेशानी की वजह से ही होती है. लगातार मोमोज खाने की वजह से हार्ट, पेट और लंग्स तीनों पर एक साथ प्रेशर पड़ा होगा. इस स्थिति में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर भी हो जाता है, जो मौत का कारण बनता है. इस स्थिति में तुरंत इमरजेंसी केयर की जरूरत होती है. अगर मरीज को 15 से 20 मिनट के अंदर ये केयर न मिले तो मौत हो सकती है.

लिमिट में करें भोजन

डॉ जुगल किशोर कहते हैं कि हमें भोजन अपने शरीर की क्षमता के हिसाब से ही करना चाहिए. ज्यादा भोजन करने से पेट में अपच और जलन हो सकती है. कुछ लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है और यहां तक की अस्थमा के अटैक भी आ सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि भोजन करते समय लापरवाही न करें और किसी के कहने पर अपने शरीर की क्षमता से अधिक भोजन न करना ही समझदारी है.