Sunil Gavaskar B’day: जब बीच मैदान पर कटवाए सुनील गावस्कर ने अंपायर से बाल, इस वजह से उठाया था अजीबोगरीब कदम

Sunil Gavaskar B’day: जब बीच मैदान पर कटवाए सुनील गावस्कर ने अंपायर से बाल, इस वजह से उठाया था अजीबोगरीब कदम

July 10, 2023 Off By NN Express

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। 1970-80 के दशक में गावस्कर की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में की जाती थी। टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रन का आंकड़ा पार करने वाले गावस्कर बिना हेलमेट ही खूंखार तेज गेंदबाजों का सामना किया करते थे। उस दौर में गावस्कर से जुड़े कई किस्से हैं। हालांकि, आज हम जिस किस्से के बारे में बात करने वाले हैं, वो शायद ही आपने सुना होगा

दरअसल, गावस्कर ने साल 1974 में चलते मैच के दौरान ही अंपायर से अपने बाल कटवा लिए थे।

बीच मैच में कटवाए थे बाल

बात साल 1974 की है।   भारतीय टीम का सामना ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर इंग्लैंड के साथ हो रहा था।  सुनील गावस्कर के बल्ले से रन बरस रहे थे, लेकिन उनके बढ़े हुए बाल बार-बार उनकी आंखों में आ रहे थे। भारतीय बल्लेबाज को यह चीज काफी परेशान कर रही थी। ऐसे में उन्होंने इस बात का तोड़ निकाला और अंपायर के पास पहुंच गए। गावस्कर ने अंपायर से आंख में आते बालों को काटने को कहा।

उस वक्त बतौर फील्ड अंपायर मौजूद डिकी बर्ड ने अपनी जेब से कैंची निकाली और गावस्कर की परेशानी को छूमंतर कर दिया। बता दें कि अंपायर बॉल में निकले धागे को काटने के लिए हमेशा अपने साथ कैंची रखते हैं।

इंग्लैंड के खिलाफ इस टेस्ट मैच की दोनों ही पारियों में सुनील गावस्कर का बल्ला जमकर बोला था। गावस्कर ने पहली इनिंग में शतक जमाते हुए 101 रन कूटे थे। वहीं, दूसरी पारी में लिटिल मास्टर के बल्ले से 58 रन की शानदार पारी निकली थी। हालांकि, गावस्कर दमदार बल्लेबाजी के बावजूद टीम को जीत दिलाने में नाकाम रहे थे।

वेस्टइंडीज में चलता था सिक्का

1970-80 के दशक में बेहद कम ऐसे बल्लेबाज रहे, जिन्होंने वेस्टइंडीज की धरती पर अपनी बल्लेबाजी से नाम कमाया। इस लिस्ट में गावस्कर का नाम हमेशा टॉप पर रहा। गावस्कर उन बल्लेबाजों में से एक थे, जो कैरेबियाई गेंदबाजों का सामना आंख में आंख डालकर करते थे और वो भी बिना हेलमेट। कहा जाता है कि उनकी बैटिंग के चलते गावस्कर को वेस्टइंडीज में खास सम्मान भी मिलता था।