PCS Jyoti Maurya : ‘अब और बहुओं को पढ़ा नहीं पाऊंगा’, SDM ज्योति मौर्या के ससुर का छलका दर्द

PCS Jyoti Maurya : ‘अब और बहुओं को पढ़ा नहीं पाऊंगा’, SDM ज्योति मौर्या के ससुर का छलका दर्द

July 6, 2023 Off By NN Express

बरेली जिले में तैनात पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या को इन दिनों कौन नहीं जानता है. अपने सफाईकर्मी पति आलोक मौर्या से विवाद को लेकर वह चर्चाओं में हैं. ज्योति और आलोक के वीडियो और ऑडियो इस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. हालांकि इन दोनों के सुर्खियों में होने के साथ-साथ आजमगढ़ जिले की मेहनगर तहसील का बछवल गांव भी सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि यह ज्योति के पति आलोक का पैतृक गांव है.

बछवल गांव के रहने वाले आलोक मौर्या की शादी साल 2010 में वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के चिरइगांव की ज्योति मौर्या से हुई थी. शादी के बाद रिश्ते कई सालों तक अच्छे से चलते रहे. मेहनत और लगन से पढ़ाई करने के बाद ज्योति का चयन शिक्षक पद पर हुआ, लेकिन ज्योति का पीसीएस अधिकारी बनने का सपना था, जिसको उन्होंने साल 2016 में हासिल कर लिया. दोनों के रिश्ते काफी सालों तक ठीक थे, लेकिन बीते दिनों ज्योति मौर्या पर आलोक मौर्या के आरोपों ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए.

बच्चों के भविष्य के बारे में सोचें ज्योति- आलोक के पिता


टीवी9 भारतवर्ष की टीम जब बछवल गांव पहुंची तो गांव में मौजूद आलोक के पिता मुरारी मौर्या और ग्रामीणों ने इस विवाद की जमकर निंदा की. आलोक के पिता ने कहा कि ज्योति जो भी फैसला ले रही हैं, वो समाज और संस्कारों के खिलाफ है. उनके पास दो बच्चे हैं. उनके भविष्य के बारे में न सोचकर वो ऐसा फैसला कर रही हैं, जो सामाजिक दृष्टिकोण से बेहद निंदनीय है. यही नहीं ग्रामीणों ने यह भी कहा कि आलोक और उनके पिता ने अपनी खून पसीने की कामाई से ज्योति को यहां तक पहुंचाया है. बिना इन लोगों के ज्योति मौर्या कभी इस मुकाम को हासिल नहीं कर पातीं.

बहू PCS बनी को सीना गर्व से चौड़ा हो गया था- आलोक के पिता


अब उनके और उनके परिवार का क्या होगा, इस कुरीति का समाज पर क्या आसर पड़ेगा, साथ ही और आने वालीं बहुओं को पढ़ाना कितना मुश्किल होगा, यह सावल गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है. आलोक के पिता का कहना है कि जब बहू ज्योति ने पीसीएस का एग्जाम क्वालीफाई किया तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया. सोचा कि सभी बहुओं को इसी तरह पढ़ा-लिखाकर जिम्मेदार बनाऊंगा, लेकिन अब उनका मन भारी हो चुका है. ऐसी पढ़ाई का क्या फायदा?

शादी का कार्ड ज्योति के परिवार ने छपवाया था


आलोक के पिता का कहना है कि अब और बहुओं को पढ़ाने का फैसला लेना मेरे लिए बहुत कठिन होगा. वहीं जब शादी के कार्ड पर छपे ग्राम पंचायत अधिकारी के पदनाम की तहकीकात की गई तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि जिस शादी के कार्ड की चर्चा हो रही है, वो अलोक ने नहीं बल्कि खुद ज्योति के घरवालों ने छपवाया था और बांटा था, जिसका हमारे परिवार से कोई मतलब नहीं है.