कपल्स के बीच बढ़ रहा लेट बेबी प्लानिंग का ट्रेंड, एक्सपर्ट से जानें क्या है इसकी वजह
June 21, 2023Late Child Trend: बीते कुछ समय से शादी और बच्चे को लेकर लोगों की सोच में तेजी से बदलाव देखने को मिला है। करियर और एक अच्छी लाइफस्टाइल की चाहत के चलते जीवन में कई अहम फैसले ले रहे हैं। देर से माता-पिता बनना या फिर बच्चा न करना इन दिनों काफी ट्रेंड में है। हाल ही के दिनों में अर्बन और सेमी-अर्बन कपल्स में यह ट्रेंड काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है।
खासतौर पर इंडियन कपल्स के बीच यह ट्रेंड कई मामलों में अजीब लगता है। दरअसल, भारतीय समाज में हमेशा से ही शादी के बाद बच्चे के जन्म को काफी महत्व दिया जाता रहा है। इसे विवाहित जोड़े के जीवन का अनिवार्य हिस्सा माना जाता था। ऐसे में बच्चे को लेकर बदलती इस सोच और ट्रेंड के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने दिल्ली की साइकोलॉजिस्ट मोनिका शर्मा से बात कर इस बदलते ट्रेंड की वजह जानने की कोशिश की-
करियर को प्राथमिकता
आजकल शहरी क्षेत्रों में, सामान्य तौर पर पति और पत्नी दोनों वर्किंग हैं और दोनों ही अपने करियर को लेकर काफी उम्मीदें रखते हैं। ऐसे में उन्हें लगता है कि जल्दी बच्चा होने से उनमें से एक (आमतौर पर महिला) को कुछ समय या हमेशा के लिए अपने करियर को छोड़ना पड़ेगा। ऐसे में अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए ऐसे कपल पहले अपना करियर सेटल करने के बाद बच्चे के बारे में सोच रहे हैं। वहीं, कई बार ज्यादा देर होने पर कपल बिना बच्चे के जीवन गुजारने का फैसला कर लेते हैं।
परिपक्वता की कमी
इन दिनों कई जोड़ों या कपल्स का ऐसा मानना है कि अगर वे कम उम्र में माता-पिता जाएंगे, तो बच्चे की जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा पाएंगे। उनका ऐसा मानना है कि वह बच्चे के जन्म की जिम्मेदारी लेने और अपने बच्चे की अच्छी देखभाल करने के लिए पर्याप्त परिपक्व नहीं है।
साथ में ज्यादा समय की चाहत
कई कपल्स का ऐसा मानना होता है कि शादी के बाद उन्हें पहले अपने वैवाहिक जीवन का आनंद लेना चाहिए और फिर बाद में बच्चे की योजना बनानी चाहिए। ऐसे कपल साथ में विदेश और अन्य टूरिस्ट प्लेस पर घूमना चाहते हैं और अपनी पने वैवाहिक जीवन को पूरी तरह से जीना चाहते हैं। अपनी इस सोच की वजह से भी कई लोग देर से बच्चा प्लान करते हैं।
चाइल्ड ट्रॉमा
कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि पति या पत्नी में से किसी एक को बचपन में हुए परेशानियों की वजह चाइल्ड ट्रॉमा की समस्या होती है। ऐसे में वह अपने बच्चों को लेकर ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। उनके मन में एक भय रहता है कि बचपन में उन्हें जैसे बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ा था, उनके बच्चे को भी उसी दौर से गुजरना पड़ेगा। इस वजह से भी कई बार बच्चे प्लान करने में देरी हो जाती है या फिर कपल बिना बच्चे के ही रहने का फैसला कर लेते हैं।
भविष्य को लेकर नकारात्मकता
इन दिनों ज्यादातर लोग सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में इसके जरिए दुनियाभर खबरें और घटनाएं मिनटों में उन तक पहुंच जाती है। सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से कुछ लोग डूम-स्क्रॉलिंग (दुर्घटनाओं, युद्ध, मौत, प्राकृतिक आपदाओं की सभी खबरों को स्क्रॉल करने की आदत के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) के आदी बन जाते हैं। इसकी वजह से वह यह दुनिया के भविष्य के प्रति एक नकारात्मक नजरिया अपना लेते हैं, जो इस हद तक बढ़ जाता है कि वह ऐसी उदासीन दुनिया में अपने बच्चे को नहीं लाना चाहते हैं।
स्वतंत्रता की चाहत
कुछ कपल्स अपनी ‘स्वतंत्रता’ को खत्म नहीं करना चाहते हैं, जिसकी वजह से वह बच्चे देर से प्लान करते हैं। उनका मानना है बच्चे को पालना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे वे उठाना नहीं चाहते। इसके बजाय, वे अपना समय नए शौक तलाशने, पार्टियों आदि में जाने और अपनी पसंद की विभिन्न गतिविधियों में बिताना चाहते हैं।
रिश्ते में खटास
अक्सर रिश्ते में विवाद या खटास होने की वजह से भी कुछ कपल बच्चे प्लान करने में देरी करते हैं। दरअसल, ऐसे कपल्स को साफ नहीं होता कि उनका रिश्ता लंबे समय तक चलेगा या नहीं। इसलिए वे पहले अपने रिश्ते को लेकर स्पष्ट होना चाहते हैं और अपने संबंध सुधारने के बाद बच्चे के जन्म और उसकी परवरिश का फैसला करते हैं।