Vivah Mantra: अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए रोजाना करें इन मंत्रों का जाप, जल्द बजेगी शहनाई

Vivah Mantra: अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए रोजाना करें इन मंत्रों का जाप, जल्द बजेगी शहनाई

June 14, 2023 Off By NN Express

Vivah Mantra: गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित लड़कियों की शादी के योग बनते हैं।

देवगुरु बृहस्पति लड़कियों की शादी के कारक माने जाते हैं। जिन लड़कियों की कुंडली में गुरु मजबूत होता है। उनकी शादी शीघ्र हो जाती है। साथ ही जीवनसाथी भी मन मुताबिक मिलता है। वहीं, जिन लड़कियों की कुंडली में गुरु कमजोर होता है। उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है।

जबकि, लड़कों की शादी के कारक शुक्र ग्रह होते हैं। इसके लिए ज्योतिष लड़कियों को गुरु और लड़कों को शुक्र मजबूत करने की सलाह देते हैं। अगर आपकी शादी में भी बाधा आ रही है, तो शीघ्र शादी के लिए इन मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से कुंडली में गुरु मजबूत होता है। गुरु मजबूत होने से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। आइए, मंत्र जानते हैं-

इन मंत्रों का जाप करें

1.

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।

नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥

ज्योतिष शीघ्र विवाह के लिए लड़कियों को मां कात्यायनी की पूजा करने की सलाह देते हैं। मां कात्यायनी की पूजा करने से जातक की शादी के योग शीघ्र बनने लगते हैं। इसमें लगातार 40 दिनों तक मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। शीघ्र विवाह के लिए रोजाना मां कात्यायनी मंत्र का जाप करें।

2.

“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:”

3.

हे गौरी शंकरार्धांगि । यथा त्वं शंकरप्रिया ।|

तथा माँ कुरु कल्याणि । कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।

4.

ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।

विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रं च देहि मे ।।

5.

ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ

चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।

6.

ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि ।

विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥

7.

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

8.

“ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा”

9.

“क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”

10.

“ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः”

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