अब गर्मी में भी खाइये फूल गोभी, बिहार में किसानों ने शुरू की इस खास किस्म की खेती

अब गर्मी में भी खाइये फूल गोभी, बिहार में किसानों ने शुरू की इस खास किस्म की खेती

June 13, 2023 Off By NN Express

फूल गोभी खाना हर किसी को पसंद है. सर्दी के मौसम में मुख्य सब्जी फूल गोभी ही होती है. ऐसे लोग फूल गोभी का भुजिया भी खाना पसंद करते हैं. फूल गोभी में फोलेट, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर, प्रोटीन, फॉस्फोरस, मैगनीज और पोटैशियम जैसे तत्व प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं.

इसका सेवन करने से शरीर को काफी फायदा होता है. ऐसे तो  सर्दी के मौसम में फूल गोभी असानी से मिल जाता है, लेकिन गर्मी में यह मार्केट से गायब हो जाता है, क्योंकि गर्मी में इसकी खेत नहीं होती है. लेकिन अब आपकों सालों फूल गोभी खाने को मिलेंगे.

न्यूज 18 हिन्दी की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के नालंदा जिले में किसानों ने 200 एकड़ में फूल गोभी की खेती शुरू की है. खास बात यह है कि नालंदा जिले के किसान फूल गोभी की वैरायटी-6099 की फार्मिंग कर रहे हैं. उद्यान महाविद्यालय के प्राचार्य डा. पंचम कुमार सिंह ने बताया कि पहले यहां किसान सिर्फ सर्दी के मौसम में ही फूल गोभी की खेती करते थे.

जुलाई में इसकी नर्सरी तैयार की जाी थी. अगस्त महीने में पौधों की रोपाई होती है, जिसके बाद अक्टूबर से मार्केट में फूल गोभी की आवक शुरू जाती थी. लेकिन, कृषि वैज्ञानिकों ने फूल गोभी की वैरायटी-6099 को ईजात किया है. ऐसे में अब किसान सालोभर फूल गोभी की खेती कर सकते हैं.

वैरायटी-6099 को पिछले साल ट्रायल के तौर पर कुछ किसानों ने खेती शुरू की थी

वैरायटी-6099 को पिछले साल ट्रायल के तौर पर कुछ किसानों ने खेती शुरू की थी, जिसका रिजल्ट अच्छा आया. ऐसे में किसानों ने पहली बार इस साल गरमा सीजन में फूल गोभी की खेती की. सोहडीह, आशानगर और बबुरबन्ना में करीब 200 एकड़ में किसानों ने गरमा फूल गोभी की खेती की है.

वहीं, किसानों का कहना है कि गरमा फूल गोभी की खेती के लिए फसलचक्र भी बना लिया है. फरवरी महीने में नर्सरी तैयार की जाएगी, जिसकी उपज मई तक मिलेगी. साथ ही दूसरी नर्सरी जून में तैयार करेंगे, जिसकी पैदावार अक्टूबर तक मिलेगी. ऐसे में खेती का रकबा जिले में और बढ़ जाएगा.

ऐसे करें फूल गोभी की खेती

अगर किसान भाई खरीफ सीजन में फूल गोभी की खेती करना चाहते हैं, तो उन्हें काफी सावधानियां बरतनी होगी. दो से तीन दिन पर ही फसल की सिंचाई करनी पड़ेगी. साथ ही रासायनिक की जगह जैविक खाद का उपयोग करें. यूरिया खाद का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करें. वहीं, पौधे लगाने से पहले प्रति चार कट्ठे में एक ट्रॉली गोबर डाल दें. इसके बाद खेती की जोताई करें.