World No-Tobacco Day: किस हद तक खतरनाक है टोबैको का उपयोग, जानें क्या हैं छोड़ने के फायदे?

World No-Tobacco Day: किस हद तक खतरनाक है टोबैको का उपयोग, जानें क्या हैं छोड़ने के फायदे?

May 31, 2023 Off By NN Express

World No-Tobacco Day: टोबैको का कंजप्शन सेहत के लिए हानिकारक है। इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है। तंबाकू (बीडी, सिगरेट, खैनी, गुटखा आदि) को लगातार लेने से लगभग शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचता है। कई तरह की सेहत से जुड़ी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, तंबाकू या स्मोकिंग का धुआं इंसान की जिस भी सेल्स के कॉन्टेक्ट में आता है, उसे नुकसान पहुंचाता है, जो आगे चलकर गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है। आज वर्ल्ड नो टोबैको डे पर जानिए किस हद तक खतरनाक है टोबैको का कंजप्शन और उसे छोड़ने के क्या फायदे हैं।

दम घोंट रहा टोबैको

टोबैको से दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। इनमें 70 लाख मौत सीधे तौर पर टोबैको लेने वालों की हो रही है और दुनिया छोड़ने वाले करीब 12 लाख ऐसे लोग हैं, जो स्मोकिंग करने वालों के आसपास होने की वजह से प्रभावित हुए।

टोबैको से होने वाले नुकसान

डॉक्टर्स का मानना है कि टोबैको से सेहत पर असर पड़ता है जैसे- टोबैको से दांत कमजोर हो जाते हैं और वक्त से पहले ही गिर जाते हैं।

– टोबैको का निकोटिन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।

– टोबैको खाने वाले ज्यादातर लोग पूरी तरह अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं और उनमें माउथ कैंसर होने का खतरा बढ़ता है।

– टोबैको से निकोटिन की आदत पड़ जाती है। जिससे इसका असर दिमाग पर भई पड़ता है।

– एक रिपोर्ट के मुताबिक, तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में प्रेग्नेंसी रेट नॉर्मल महिलाओं से तकरीबन 15 परसेंट ज्यादा होता है।

Dr. Ajay Sharma Chief Medical Director of EyeQ ने बताया कि, ‘तम्बाकू के धुएं में जहरीले रसायन सीधे आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। धब्बेदार अध: पतन के जोखिम को काफी बढ़ा देते हैं और मोतियाबिंद के विकास को तेज कर देते हैं, जिससे धुंधली दृष्टि और अंधापन हो जाता है। धूम्रपान मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी को खराब करता है, रात की दृष्टि को कम करता है, ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता है, ग्लूकोमा और यूवाइटिस जैसी आंखों से जुड़ी परेशानियों को बढ़ाता है। इन जोखिमों को कम करने, आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए धूम्रपान छोड़ना बहुत जरूरी है।’

उन्होंने आगे बताया कि, ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर, सरकार, संगठन और व्यक्तियों को एक साथ रैली करनी चाहिए और आंखों की सेहत की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। इसके लिए कड़े तंबाकू नियंत्रण नीतियों, टैक्स, व्यापक विज्ञापन प्रतिबंधों और पैकेजिंग विनियमों जैसे प्रभावी उपायों को लागू करने की आवश्यकता है। धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक लोगों को अटूट समर्थन और संसाधन प्रदान करने में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

तंबाकू से होने वाली बीमारियां

– मुंह, गला, फेफड़े, मूत्राशय, किडनी, पैनक्रियाज, सरविक्स कैंसर का खतरा

– स्मोकिंग करने वालों के आसपास रहने वालों में बढ़ जाती है डिजीज की आशंका

– टोबैको कंजप्शन से ब्रोंकाइटिस व इम्फीसिया जैसी सांस की तकलीफ होती है।

– पुरुषों में नपुंसकता, महिलाओं में जनन क्षमता में कमी व अन्य प्रजनन समस्याएं।

– स्मोकिंग करने वालों के सांस में बदबू, मुंह-आंखों के आसपास झुर्रियां होती हैं।

– स्मोकिंग से बच्चों को निमोनिया, श्वास रोग, अस्थमा की प्रॉब्लम हो सकती है।

– हार्ट, ब्लड डिजीज तेजी से बढ़ता है।

– हर सिगरेट के साथ 14 मिनट उम्र घट जाती है। कैंसर की आशंका 20-25 गुना ज्यादा होती है।

– दिल का दौरा पड़ने का खतरा 3 गुना ज्यादा होता है।

टोबैको छोड़ने से होने वाले फायदे

– 12 मिनट बाद ब्लड से कार्बन मोनो ऑक्साइड का लेवल नॉर्मल होने लगता है।

– 20 मिनट बाद स्मोकिंग के दौरान बढ़ा हुआ हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर नॉर्मल होने लगता है।

– 2 दिन बाद से खुशबू और टेस्ट फील टेस्ट फील होने लगते हैं क्योंकि नसे खुद को रिपेयर करने लगती हैं।

– 1 महीने बाद लंग्स खुद को रिपेयर करने लगते हैं, खांसी कम होने लगती है और सांस लेना भी आसान हो जाता है।

– 1 साल बाद हार्ट डिजीज का खतरा कम हो जाता है और फर्टिलिटी बढ़ती है।

– 5 साल बाद धमनियों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और कई तरह के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

ई-सिगरेट की लत पड़ना आसान

कुछ लोग कहते हैं हम तो सिगरेट नहीं ई-सिगरेट पी रहे हैं और इसका बुरा असर नहीं पड़ता। इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ई-सिगरेट में खासतौर पर एक लिक्विड होता है, जिसमें अक्सर निकोटिन के साथ दूसरे फ्लेवर होते हैं। हमें इसकी लत लग जाती है और लंग्स भी डैमेज हो जाते हैं। इन दिनों यह कई फ्लेवर्स में मार्केट में मिलता है। ऐसे में बच्चों में इसकी लत लगना सिगरेट से भी ज्यादा आसान है। ई-सिगरेट की आदत पड़ने के बाद सिगरेट और टोबैको की लत पड़ना काफी आसान हो जाता है। ऐसा कई रिसर्च में भी सामने आया है।