ठंडक के लिए पेय पदार्थों में मिलाए जा रहे बर्फ की शुद्धता पर संदेह, कहीं दूषित पानी का तो नहीं कर रहे सेवन? बाजार में बिक रही बर्फ मानक या अमानक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के लिए जांच का विषय

ठंडक के लिए पेय पदार्थों में मिलाए जा रहे बर्फ की शुद्धता पर संदेह, कहीं दूषित पानी का तो नहीं कर रहे सेवन? बाजार में बिक रही बर्फ मानक या अमानक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के लिए जांच का विषय

May 29, 2023 Off By NN Express

कोरबा, 29 मई I गर्मी का मौसम शुरू होते ही शीतल पेय पदार्थो की चाह में बर्फ का चलन बढ़ जाता है और जूस सेंटरों, गन्ना रस दुकान, ठंडे पेय पदार्थ के दुकानों में इसका बड़े पैमाने में उपयोग होता है तथा लोग बर्फ की चुस्कियां लेते नजर आते हैं। लेकिन क्या किसी को यह पता होता है कि बर्फ खाने योग्य है की नहीं? इसके दूषित होने की आशंका को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है। यदि बर्फ दूषित पानी से बना हो तो इसके सेवन से पेट संबंधी बीमारियां और पीलिया तक हो सकती है।

सभी को मालूम है कि इन दिनों गर्मी अपने पूरे शबाब पर है। ऐसे में लोगों के गले को ठंडक देने जगह- जगह गन्ने का रस, लस्सी और जूस की दुकाने संचालित हो रही है। साथ ही ठेलो पर चुस्की और आइसक्रीम भी मिलने लगी है। लेकिन जगह- जगह बिकने वाली इन चीजों में जिस बर्फ का उपयोग किया जाता है, क्या वह सेवन योग्य है अथवा नही? इस बारे में लोगों का ध्यान ही नही है। माना जाता है कि गन्ने का रस पीलिया का रामबाण इलाज है।

लेकिन गन्ना रस में अशुद्ध पानी से बना बर्फ हो तो यह भले- चंगे आदमी को भी पीलिया का मरीज बना सकता है। बाजार में ऐसे ही सस्ते बर्फ की खपत अधिक है, जिसे गन्ना रस, जूस व लस्सी में मिलाते है। सस्ते बर्फ से व्यापारियों का मुनाफा तो बढ़ जाता है लेकिन दूषित बर्फ के साथ वे लोगों को बीमारियां परोसते है। ठंडक के लिए पेय पदार्थों में मिलाए जा रहे बर्फ की शुद्धता संदिग्ध है। अधिकतर बर्फ फैक्ट्रियों में पानी की शुद्धता पर कोई ध्यान नही दिया जाता और पानी के स्टॉक के लिए बनाए गए टैंक भी महीनों तक साफ नही किये जाते। ये टैंक मच्छर और लार्वा का पसंदीदा ठिकाना होता है।

ऐसे में बर्फ सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। आइस फैक्ट्रियों में पेय योग्य के लिए और चीजों को ठंडा करने के लिए अलग- अलग बर्फ बनाई जाती है। अपने फायदे के लिए आइस फैक्ट्री वाले खराब क्वालिटी के बर्फ को भी खाद्य सामाग्री के उपयोग के लिए बेच देते है। डाँक्टरों के मुताबित दूषित बर्फ के सेवन से पेट मे इंफेक्शन, उल्टी- दस्त, टाइफाइड और पीलिया सहित कई अन्य बीमारियां हो सकती है। खासकर ठंडे पेय पदार्थों के उपयोग हेतु शुद्ध पानी से बने बर्फ का उपयोग ही सेहत के लिये उचित है अथवा दूषित पानी से बने बर्फ के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

जानकारी के अनुसार नियमतः किसी वस्तु को ठंडा रखने के उपयोग वाले अमानक बर्फ नीला होना चाहिए। जिस नान एडिबल बर्फ का इस्तेमाल दवाइयों को ठंडा रखने, सी फूड को प्रिजर्व रखने, शव गृह, फैक्ट्रीज व अन्य कैमिकल फैक्ट्रियों के लिए होता है और सेवन योग्य बर्फ पूरी तरह सफेद होने चाहिए। लेकिन सभी काम सफेद बर्फ के माध्यम से हो रहा है। जो सस्ता होने के कारण बाजार में खूब बिक रहा है।

ऐसे में दूषित बर्फ सेवन करने का डर लगातार बना हुआ है। समय- समय पर जिस बर्फ के मानक व अमानक होने की जांच की जिम्मेदारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की है, किन्तु जवाबदेह अधिकारी न तो बाजार में बिकने वाले और न ही फैक्ट्री में बनने वाले बर्फ की जांच करते है। नतीजतन मानक की आड़ में अमानक बर्फ की सिल्ली बाजार में परोसी जा रही है। सस्ते होने की वजह से जिसकी बिक्री खूब है।