House Property Tax: हाउस प्रॉपर्टी कितना देना होता है टैक्स, जानिए कैसे क्लेम कर सकते हैं डिडक्शन

House Property Tax: हाउस प्रॉपर्टी कितना देना होता है टैक्स, जानिए कैसे क्लेम कर सकते हैं डिडक्शन

May 19, 2023 Off By NN Express

House Property Tax Rule: भारत में बहुत से लोग अपनी प्रॉपर्टी से कमाई करते हैं। यहीं उनका सोर्स ऑफ इनकम होता है। हाउस प्रॉपर्टी से होने वाले इनकम पर टैक्स लगाया जाता है। प्रॉपर्टी का जो लीगल ओनर होता है, उसे ही टैक्स देना होता है। हाउस प्रॉपर्टी में घर, ऑफिस, दुकान या फिर किसी भी तरह की जमीन शामिल होती है। इनकम टैक्स विभाग रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी को लेकर किसी भी तरह का अंतर नहीं करती है।

क्या है हाउस प्रॉपर्टी के नियम?

इनकम टैक्स रिटर्न में सभी तरह की प्रॉपर्टी पर टैक्स लगाया जाता है। यह इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत लगता है। अगर किसी प्रॉपर्टी को बिजनेस या फिर किस और पेशे के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तब उस पर इनकम फ्रॉम बिजनेस एंड प्रोफेशन के तहत टैक्स लगाया जाता है। हाउस प्रॉपर्टी की कैटेगरी में मौजूद प्रॉपर्टी की टैक्सेबल वैल्यू ही उसकी एनुअल वैल्यू होती है।

कैसे होता है टैक्स का कैलकुलेशन?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 22 से 27 तक का संबंध हाउस प्रॉपर्टी के टैक्स नियमों से होता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 में कहा गया है कि  हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम का कैलकुलेशन प्रॉपर्टी के रेट पर 30 फीसदी की कटौती के बाद होता है। इस कटौती को स्टैंडर्ड डिडक्शन कहा जाता है।

अगर आपने प्रॉपर्टी पर लोन लिया है, तब भी आप डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसमें प्रॉपर्टी खरीदने, कंस्ट्रक्शन, रेनोवेशन या रिपेयरिंग से रिलेटिड लोन शामिल होते हैं। अगर घर में आप खुद रहते हैं, तब आप एक साथ दो सेल्फ हाउस प्रॉपर्टीज के लिए अधिकतम 2 लाख रुपये तक के डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं।

ज्वाइंट लोन पर क्लेम से जुड़े नियम

प्रॉपर्टी के एनुअल वैल्यू को हाउस प्रॉपर्टी के इनकम के रुप में लिया जाता है। इसी आधार पर टैक्स को कैलकुलेट भी किया जाता है। अगर पति-पत्नी दोनों ने होम लोन लिया है, तब दोनों ही लोन के प्रिंसिपल और उसके इंटरेस्ट पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।