CG NEWS : प्रतिबंध के बावजूद बाजार में खुलेआम बिक रही इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट

CG NEWS : प्रतिबंध के बावजूद बाजार में खुलेआम बिक रही इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट

May 17, 2023 Off By NN Express


0. स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के उल्लंघन और भारतीय बाजार में इसकी उपलब्धता के मद्देनजर जारी की सार्वजनिक सूचना

रायपुर, 17 मई I भारत सरकार द्वारा 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर प्रतिबंध लगाये जाने के बावजूद सिगरेट-तंबाकू की दुकानों पर ई-सिगरेट आसानी से उपलब्ध हैं और 18 साल से कम के बच्चों को भी बेची जाती हैं । स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब ई-सिगरेट प्रतिबंध 2019 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। इसके जरिये निर्देश दिया गया है कि सभी उत्पादकों, निर्माताओं, आयातकों, निर्यातकों, वितरकों, विज्ञापनदाताओं, कूरियर सहित परिवहन संचालकों, सोशल मीडिया वेबसाइट, ई-कॉमर्स वेबसाइट, ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट, दुकानदारों/खुदरा विक्रेताओं आदि को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का उत्पादन या निर्माण या आयात या निर्यात या परिवहन या बिक्री या वितरण या भंडारण नहीं करना चाहिए।

यह बिक्री एक पूर्ण उत्पाद या उसके किसी भाग के रूप में भी नहीं की जानी है और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का विज्ञापन करना या किसी विज्ञापन में भाग लेना (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट या वेबसाइट अथवा सोशल मीडिया आदि में) जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग को बढ़ावा देता है।

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर प्रतिबंध, हमारी युवा पीढ़ी को जहरीली लत के एक नए रूप से बचाने के लिए लगाया गया था। हालांकि, इसका प्रवर्तन कमजोर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार सस्ते और बिना ब्रांड वाली चीनी ई-सिगरेट से भर गया है। वालंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रबंधक, बिनॉय मैथ्यू कहते हैं, “सख्त प्रवर्तन, कार्यान्वयन और प्रतिबंध को प्रभावी बनाना सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक नोटिस लाना एक स्वागत योग्य कदम है।

भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के हानिकारक प्रभावों और युवाओं में इसके प्रचलन में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इसमें सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम, हीट नॉट बर्न उत्पाद, ई-हुक्का और इसी तरह के अन्य उपकरण शामिल हैं जो चाहे किसी भी नाम से पुकारे जाते हों और जो भी आकार, आकृति या रूप में हो। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) अधिनियम, 2019 को एक अध्यादेश के रूप में पेश किया गया था
और बाद में वर्ष 2019 में एक अधिनियम के रूप में औपचारिक रूप दिया गया।

भारी जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान होने के बावजूद, ई-सिगरेट तम्बाकू विक्रेताओं, सामान्य दुकानों और ऑनलाइन प्रदाताओं सहित कई स्रोतों पर व्यापक रूप से उपलब्ध होने की सूचना है। स्कूली बच्चों सहित युवाओं में ई-सिगरेट का बड़े पैमाने पर उपयोग देखा गया है। इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि ई-सिगरेट बेचने वाले बाजार में अवैध रूप से पैर जमाने में कामयाब हो गए हैं जो प्रतिबंध से पूरी तरह से दूर नहीं हो पाए हैं।

ई-सिगरेट और ऐसे अन्य आकर्षक फ्लेवर वाले उत्पाद हमारी युवा पीढ़ी को निकोटिन की लत की ओर धकेलने में मददगार साबित हुए हैं। यह चिंताजनक है कि एक प्रतिबंधित उत्पाद भारतीय बाजार में इतनी आसानी से उपलब्ध है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना, प्रतिबंधित उत्पाद पर जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ पीईसीए 2019 प्रावधानों के विवरण को स्पष्ट करते हुए, इस खतरनाक उत्पाद को भारत में विपणन से रोकने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को मजबूत करती है । सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजीत सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को ई-सिगरेट और गर्म तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए समान कदम उठाने चाहिए।“