JANJGIR CHAMPA : कलेक्टर ने की पहल तो कुछ दिनों में 5 हजार से अधिक विद्यार्थियों के बन गए जाति प्रमाणपत्र

JANJGIR CHAMPA : कलेक्टर ने की पहल तो कुछ दिनों में 5 हजार से अधिक विद्यार्थियों के बन गए जाति प्रमाणपत्र

September 30, 2022 Off By NN Express

पालकों और विद्यार्थियों को मिलेगी बड़ी राहत

स्कूलों में किया गया था फार्म का वितरण, डीईओ सहित एसडीएम, तहसीलदारों के मिले थे निर्दे

 जांजगीर-चाम्पा 30 सितंबर, जिले में स्कूलों में अध्ययन करने वाले उन विद्यार्थियों और पालकों को बड़ी राहत मिल गई है, जो जाति प्रमाण पत्र के लिए पटवारी, तहसील और चॉइस सेंटर का चक्कर काटने की डर से समय पर जाति प्रमाणपत्र नहीं बनवा पा रहे थे। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा जिले के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के हित में लिए गए फैसले का ही परिणाम है कि कुछ ही दिनों के भीतर 5 हजार से अधिक जाति प्रमाणपत्र बन गए। उन्होंने स्कूली विद्यार्थियों के लिए जाति प्रमाणपत्र बनाने की कठिन प्रक्रिया को ही आसान नहीं बनाया,अपितु इन वर्ग के विद्यार्थियों को शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पहुचाने की दिशा में उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों को दूर कर मुश्किल राह को आसान बना दिया। 

सबसे ज्यादा जांजगीर अनुविभाग में बने प्रमाणपत्र

स्कूली छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में जाति प्रमाणपत्र बनाकर वितरण किया जा रहा है। सबसे ज्यादा जांजगीर अनुविभाग में लगभग 2500, चाम्पा में 1450 और पामगढ़ में 1100 से अधिक विद्यार्थियों का जाति प्रमाणपत्र बना है। जांजगीर अनुविभाग के अंतर्गत जांजगीर, नवागढ़, शिवरीनारायण, बलौदा, अकलतरा, चाम्पा अंतर्गत चाम्पा, बम्हनीडीह, सारागांव और पामगढ़ अनुविभाग के तहसीलों में स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाणपत्र बनाये गए हैं।

कलेक्टर करते हैं मॉनिटरिंग और देते हैं निर्देश

स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए कलेक्टर श्री सिन्हा द्वारा लगातार एसडीएम, तहसीलदारो को न सिर्फ निर्देशित किया, अपितु उन्होंने प्राप्त आवेदनों के आधार पर ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज कर समीक्षाएं भी की। अन्य रूटीन के कार्यों को समय पर पूरा करने के साथ स्कूली विद्यार्थियों के हित में जाति प्रमाणपत्र बनवाने के कार्यों को भी उन्होंने प्राथमिकता में रखा और महज कुछ दिन में 5 हजार विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र बन गए। उन्होंने लंबित आवेदनों को भी शीघ्रता से निराकृत कर प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं।

प्राचार्य से लेकर एसडीएम तक को दी गई थी जिम्मेदारी

कलेक्टर ने जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए आवेदनों का वितरण स्कूलों में करने के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच कर विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र बनाकर वितरण का कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने इसके लिए समय सीमा भी तय किया हुआ था। जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी को जाति प्रमाण पत्र हेतु फॉर्म सभी विद्यालयों में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही सभी फॉर्म समय-सीमा में दस्तावेजों के साथ पूर्ण कराकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसील कार्यालय में उपलब्ध कराने कहा गया था। एसडीएम और तहसीलदारो को जाति प्रमाण पत्र हेतु राजस्व रिकार्ड पटवारियों के माध्यम से उपलब्ध कराने और फॉर्म एवं आवश्यक दस्तावेजों की जांच, स्कैनिंग एवं एंट्री हेतु संबंधित एसडीएम को जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और प्राचार्यों को निर्देशित किया था कि स्कूलों में दाखिला लेने वाले समस्त पात्र व आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों का दस्तावेज पूर्ण कराने में सहयोग करें।

शासन की योजनाओं का लाभ उठाने में मिलेगी मदद: कलेक्टर

  कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि अभी भी अनेक पालक एवं विद्यार्थियों को जाति प्रमाणपत्र बनवाना एक कठिन कार्य लगता है। जिला प्रशासन की कोशिश है कि इस प्रक्रिया को स्थानीय स्तर पर सरल बनाने के साथ शासन की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सके।  स्कूलों में जाति प्रमाणपत्र बनने से आरक्षित वर्ग के विद्यार्थी आसानी से शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रहे हैं। जाति प्रमाणपत्र बनने और स्कूल स्तर पर ही प्रमाणपत्र जारी कर दिए जाने से उन्हें समय पर छात्रवृत्ति प्राप्त करने के साथ उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश व राज्य शासन की अन्य योजनाओं में भी आसानी से लाभ होगा।