Cyclone Mocha : खतरनाक हुआ चक्रवात मोका, बांग्लादेश में सबसे बड़े शरणार्थी शिविर को खतरा, WMO ने दी यह चेतावनी

Cyclone Mocha : खतरनाक हुआ चक्रवात मोका, बांग्लादेश में सबसे बड़े शरणार्थी शिविर को खतरा, WMO ने दी यह चेतावनी

May 13, 2023 Off By NN Express

नईदिल्ली 13 मई I उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘मोका’ बंगाल की खाड़ी से अब बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा के पास पहुंच गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने बांग्लादेश में तेज हवाओं, बाढ़ और संभावित भूस्खलन की चेतावनी देते हुए कहा है कि मोका बहुत खतरनाक हो गया है। डब्ल्यूएमओ ने कहा कि यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर को प्रभावित कर सकता है।

भारत के मौसम विज्ञान कार्यालय के अनुसार, चक्रवात मोका के रविवार (14 मई) दोपहर तक बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के पास लैंडफॉल करने की संभावना जताई गई है। फिलहाल इन इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे (108 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।

मौसम कार्यालय ने निचले तटीय क्षेत्र में दो से ढाई मीटर (छह से आठ फीट) के बीच तूफान बढ़ने की भविष्यवाणी की है। यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार का क्षेत्र है, जहां लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविर हैं। हालांकि, 2017 में म्यांमार में सैन्य नेतृत्व की कार्रवाई के बाद उनमें से ज्यादातर वहां से भाग गए थे।

जरूरत पड़ने पर शिविर को खाली करने की तैयारी
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता ओल्गा सर्राडो (Olga Sarrado) ने कहा कि जरूरत पड़ने पर शिविर को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसी हजारों लोगों के गर्म भोजन के पैकेट और जेरीकैन तैयार कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि वह शिविरों के लिए 33 मोबाइल मेडिकल टीमों और 40 एंबुलेंस के साथ-साथ आपातकालीन सर्जरी और हैजा किट की तैयारी कर रहा है। वहीं, डब्ल्यूएचओ ने म्यांमार में अन्य आपूर्तियों के बीच पानी को साफ करने वाली पांच लाख गोलियों की व्यवस्था की है, जो पूरे मानसून मौसम का स्टॉक है।

डब्ल्यूएचओ की मार्गरेट हैरिस ने एक ब्रीफिंग में कहा, अगर यह चक्रवात के स्तर में बदल जाता है जिससे हम डरते हैं, तो हमें वास्तव में तैयार रहने की जरूरत है। विदेशी मीडिया के संवाददाताओं ने कहा कि म्यांमार के रखाइन प्रांत के निचले इलाकों के निवासियों ने शुक्रवार को अपने घरों को छोड़ दिया और राज्य की राजधानी सितवे (Sittwe) में आ गए लगभग एक हजार लोगों ने शहर के एक मठ में शरण ली है।

42 वर्षीय थांट जॉ ने कहा कि जब 2008 में चक्रवात नरगिस ने दक्षिणी म्यांमार को तबाह कर दिया था, तो देश के सबसे खराब प्राकृतिक आपदा में 130,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।