KORBA बिजली विभाग के ठेका कर्मचारी संघ काम बंद कर धरने पर बैठे, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने किया समर्थन

KORBA बिजली विभाग के ठेका कर्मचारी संघ काम बंद कर धरने पर बैठे, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने किया समर्थन

May 12, 2023 Off By NN Express

कोरबा में छत्तीसगढ़ बिजली विभाग के ठेका कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को हड़ताल कर दी। सभी कर्मचारी काम बंद कर कोरबा तुलसी नगर स्थित बिजली ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। अपनी 7 मांगों को लेकर ये कर्मचारी आंदोलन कर रहे, आंदोलन को नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने पहुँच कर समर्थन दिया, तत्पश्चात अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन भी सौंपा गया |नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि जिले में 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन का सभी ऑपरेटरों को कोरबा जिले के सभी ऑपरेटरों (ग्रामीण एवं शहरी) का पेमेंट एक साथ भुगतान नही किया हौ अभी तकपेमेंट एक साथ होते आ रहा है, यह पहला ठेकेदार है जो अलग-अलग पेमेंट कर रहा है, शहरी का दो माह में एक माह का एवं ग्रामीण का तीन माह में एक माह का पेमेंट भुगतान किया जा रहा है।

टेंडर के अनुसार 7 तारीख पेमेंट प्रदान करना है।बोनस की राशि पेमेंट का 8.33 प्रतिशत 6 माह में देना है। जनवरी में 6 माह हो चुका है। शहरी का अभी कुछ दिन पहले आया है। ग्रामीण का अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, ईएसआईसी कार्ड अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। परिवार के सदस्यों की जानकारी दिया जा चुका है जिसे ईएसआईसी कार्ड में नहीं जोड़ा गया है। सामान जैसे टॉर्च, गमबुट, दास्ताना, हेलमेट सभी सब स्टेशनों को जल्द से जल्द प्रदान करने करें। हम

श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार ने सभी वर्गों को ठगने का काम किया है जहां एक ओर सरकार द्वारा घोषणा की गई एक भी मांगों को पूरा नहीं किया है तो वही दूसरी ओर प्रदेश सरकार पूरी तरह घोटालों में लिप्त है, चाहे वह शराब घोटाला हो, कोयला घोटाला हो, रेत चोरी हो, पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है |

कर्मचारी नेता ललित ने बताया कि जनरेशन,डिस्ट्रिब्यूशन और ट्रांसमिशन तीनों कंपनियां हर महीने वेतन देने में देर करती हैं। जनरेशन कंपनी के सिविल डिपार्टमेंट में वेतन कलेक्टर दर पर नहीं दिया जाता। न ही हर महीने ईपीएफ का पैसा सही दर पर जमा होता है। कर्मचारी संगठन का ऐसा आरोप है ट्रांसमिशन कंपनी में पेमेंट सही दर से करने पर ठेका कर्मचारियों से वेतन में रिफंड की मांग की जाती है, और नहीं दिए जाने पर ट्रांसफर या नौकरी से निकाल दिया जाता है। इन समस्याओं को दूर करने की मांग कर्मचारियों ने की है।