कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने के नाम पर 26 लाख से ज्यादा की ठगी, पुलिस ने दर्ज किया मामला….

कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने के नाम पर 26 लाख से ज्यादा की ठगी, पुलिस ने दर्ज किया मामला….

May 10, 2023 Off By NN Express

तमाम तरह की जागरूकता के बाद भी ऑनलाइन ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला शहर के एक कारोबारी के साथ घटित हुआ है। जिसमें नामी गिरामी कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने की कवायद में 26 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली गई। पिछले माह 5 अप्रैल से शुरू हुए पत्राचार में शातिरों ने अलग-अलग समय में 10 से ज्यादा ट्रांसजेक्शन पीड़ित पक्ष से करवाई। बहरहाल, शहर निवासी कारोबारी विक्रम सिंह ने साइबर थाना में मामला दर्ज करवाते हुए शातिरों को काबू किए जाने एवं नकदी वापस दिलवाए जाने की गुहार लगाई है।

5 अप्रैल से शुरु हुआ पत्राचार

पुलिस को दी शिकायत में कारोबारी विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होंने 5 अप्रैल को एक नामी गिरामी कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए गूगल सर्च इंजन पर तलाश शुरू की थी। सर्च इंजन से मिले लिंक को क्लिक करते हुए वे वेबसाइट के पते पर पहुंचे और वहां पर जाकर पड़ताल शुरू की।

वेबसाइट पर एंक्वायरी डाले जाने के बाद उनके नंबर पर कंपनी के नाम से कॉल आई और पत्राचार करने की बात कहते हुए पहले 49 हजार 500 रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए। यहां से शुरू हुआ यह सिलसिला 28 अप्रैल तक चला। जिसमें अलग-अलग समय में 10 से अधिक ट्रांसजेक्शन करवाते हुए 26 लाख रुपये से अधिक की राशि पीड़ित द्वारा बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर की जा चुकी थी।

कंपनी के नाम जैसे दिखी पहचान

ठगी के इस मामले में सबसे अहम बात यह रही कि शातिरों ने वेबसाइट पर अपनी कंपनी की पहचान, बैंक की डिटेल और लेन-देन करने के लिए जिन भी खातों का इस्तेमाल किया। उनके सभी के नाम मूल रूप से उसी कंपनी के जैसे ही रखे हुए थे। जिस कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए विक्रम सिंह ने आवेदन किया था। ऐसे में सर्च इंजन के माध्यम से पड़ताल करने वाला कोई भी सहज ही उनके जाल में फंस जाए।

जागरूकता के बाद भी थम नहीं रहा ठगी कारोबार

मौजूदा समय में जिस तरह से तकनीक के इस्तेमाल से लेन-देन का प्रचलन बढ़ा है, इसके बाद से ठगी का कारोबार काफी हद तक फैलता हुआ दिख रहा है। शातिर रोज नए ढंग से मामलों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस-प्रशासन के स्तर पर एडवाइजरी भी जारी की जाती है ओर कैंप आदि भी लगाए जा रहे हैं। लेकिन बढ़ रहे ठगी के मामलों को देखकर तो ऐसा ही प्रतीत होता है कि वह सभी नाकाफी है।