बिहार के इस मंदिर का यह कुंआ है मशहूर, कहते हैं पाताल लोक से जुड़ा है यह कुंआ

बिहार के इस मंदिर का यह कुंआ है मशहूर, कहते हैं पाताल लोक से जुड़ा है यह कुंआ

September 29, 2022 Off By NN Express

अगमकुआं स्थित अशोककालीन शीतला माता मंदिर उपासना का प्राचीन केंद्र है। पटना का दशहरा देखने दूरदराज से आने वाले लोग शीतला मंदिर आना नहीं भूलते। मंदिर परिसर में माता शीतला की प्रतिमा व नवदुर्गा का पिंड स्थापित है।शारदीय नवरात्र के दौरान प्राकृतक फूलों से माता का शृंगार किया जाता है। महाअष्टमी को षोडसोपचार विधि से मां का स्नान, शृंगार व महाभोग के बाद विशेष आरती होती है। महानवमी के दिन श्रद्धालु पशु की बलि देते है। यहां मन्नत मांगने वाले ग्रामीण श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। परिसर में ही पुरातात्विक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण एक कुआं है, जिसके संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं। लोगों का कहना है कि कुएं के जल से मालिश करने पर चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है। कहते हैं कि कुएं के अंदर एक कुआं है, जो समुद्र तल से मिला है। पहले यह क्षेत्र सुनसान था। भूलवश यहां से गुजरने वाले लोगों को पकड़कर लुटेरे लूटमार के बाद इस कुएं में डाल देते थे।

सम्राट अशोक ने सत्ता हासिल करने के लिए अपने 99 भाइयों की हत्या कर इसी कुएं में फेंका था। बाद के दिनों में अंग्रेजों ने भी कुएं की उड़ाही कराकर इसके पुरातात्विक रहस्यों को जानना चाहा, लेकिन इसे माता की कृपा ही कहा जाए कि अंग्रेजों के लाव लश्कर उड़ाही करने में विफल रहे। तीन दशक पहले इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराकर आकर्षक रूप दिया गया। नवरात्र के दौरान मंदिर में अपार भीड़ उमड़ती है। भीड़ नियंत्रण में पुलिस के जवान, मंदिर प्रबंधन के लोगों के साथ सिविल डिफेंस के जवान दिन-रात लगे रहते हैं।

कुएं की घेरेबंदी कर जाल लगा

मान्यता है कि शीलता माता मंदिर परिसर स्थित कुआं अगम अर्थात पाताल से जुड़ा है। इसलिए इसका नाम अगमकुआं पड़ा। लोगों का मानना है कि इस कुआं का जल चर्म रोग के लिए अचूक दवा का काम करता है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से कुआं की घेराबंदी कर जाल लगा दिया गया है।