Success Story: पिता बस ड्राइवर, बेटी ने IAS बन किया ‘कारनामा’, जानें कैसे क्रैक की UPSC….

Success Story: पिता बस ड्राइवर, बेटी ने IAS बन किया ‘कारनामा’, जानें कैसे क्रैक की UPSC….

April 7, 2023 Off By NN Express

UPSC Success Story: देशभर में यूपीएससी सिविल सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए मई का महीना काफी महत्वपूर्ण होता है. दरअसल, मई में UPSC CSE के प्रीलिम्स एग्जाम करवाए जाने हैं. ऐसे में जो युवा इसकी तैयारी कर रहे हैं, वो अपनी पूरी ताकत से इसे क्रैक करने में जुट गए हैं. हालांकि, कई बार तैयारी के बीच युवा हताश भी हो जाते हैं. यही वजह है कि उन्हें मोटिवेट करने का जरूरी होती है. आइए आपको एक ऐसी ही मोटिवेशनल स्टोरी बताते हैं, जिसे पढ़ने के बाद आप एग्जाम क्रैक करने को लेकर मोटिवेट होंगे.

दरअसल, ये कहानी है आईएएस प्रीति हुड्डा की, जिन्होंने सभी बाधाओं को पार कर आईएएस बनने के अपने सपने को पूरा किया. इस दौरान उन्होंने कई तरह की चुनौतियों का सामना किया, जिसमें पैसे की तंगी भी शामिल रही. यहां गौर करने वाली बात ये है कि प्रीति शुरू से ही पढ़ने में होशियार थीं. आइए उनके बारे में और जानते हैं.

पिता करते थे DTC ड्राइवर का काम

प्रीति का परिवार हरियाणा के बहादुरगढ़ का रहने वाला है. उनके पिता दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) में बस ड्राइवर के तौर पर काम करते थे. प्रीति ने यूपीएससी को क्रैक करने के लिए जबरदस्त तरीके से प्लान किया था. सबसे पहले उन्होंने इसकी तैयारी हिंदी में करने का फैसला किया. उन्होंने हिंदी को इलेक्टिव के तौर पर भी चुना. हालांकि, जब वह पहली बार यूपीएससी एग्जाम देने गईं, तो उन्हें निराशा हाथ लगी. मगर उन्होंने खुद को संभाला और 2017 में फिर से एग्जाम दिया. इस बार उन्होंने 288वीं रैंक के साथ इसे क्रैक कर दिखाया.

IAS बनने का कब किया फैसला?

आईएएस प्रीति शुरू से ही पढ़ने में होशियार थीं. 10वीं में उन्हें 77 फीसदी नंबर मिले, जबकि 12वीं में उनके 87 फीसदी नंबर थे. शुरू में प्रीति को सरकारी सर्विस में शामिल होने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. परिवार की तंग हालत की वजह से प्रीति के पैरेंट्स ने उन्हें पढ़ाई छोड़ने और शादी करने की सलाह तक दी. मगर प्रीति अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत सजग थीं. उन्होंने दिल्ली के लक्ष्मीबाई कॉलेज में एडमिशन लिया और यहां से हिंदी में अपनी डिग्री हासिल की.

ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से हिंदी में पीएचडी की पढ़ाई शुरू की. प्रीति का कहना था कि उनके पिता चाहते थे कि वह आईएएस के तौर पर सर्विस करें. उन्होंने बताया कि उन्हें पहली बार यूपीएससी के बारे में तब मालूम चला, जब उन्होंने जेएनयू में दाखिला लिया. एमफिल पूरा करने के बाद यहीं से उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू की.

कैसे ही एग्जाम की तैयारी?

प्रीति ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए बिल्कुल ही नया तरीका अपनाया. इस दौरान उन्होंने पढ़ाई के साथ खुद को भी वक्त दिया. उन्होंने बताया कि लंबे समय तक बैठकर 10-10 घंटे पढ़ने के बजाय हमें थोड़ा सोच-समझकर पढ़ना चाहिए. उनका मानना है कि यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के दौरान जीवन का आनंद लेना भी उतना ही जरूरी है. ढेर सारी किताबों को पढ़ने पर जोर देने के बजाय, युवाओं को पूरे आत्मविश्वास के साथ सिलेबस कवर करना चाहिए. सबसे ज्यादा जरूरी रिवीजन होता है.