SECL को स्वच्छता पुरस्कार, कोयला मंत्रालय से मिली सिल्वर शील्ड

SECL को स्वच्छता पुरस्कार, कोयला मंत्रालय से मिली सिल्वर शील्ड

March 22, 2023 Off By NN Express

बिलासपुर, 22 मार्च I स्वच्छता पखवाड़ा 2022 के लिए एसईसीएल (South Eastern Coalfields Limited) को सिल्वर शील्ड प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार कोयला मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है। प्राप्त पुरस्कार के साथ अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा से एसईसीएल निदेशक मण्डल के निदेशक तकनीकी संचालन एस.के. पाल, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या, महाप्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन) डॉ. केएस जार्ज, महाप्रबंधक (सीएसआर) रत्नेश कुमार एवं सीएसआर विभाग की टीम सौजन्य भेंट किए, जिस पर उन्होंने इस उपलब्धि के लिए टीम एसईसीएल को बधाई दी।


स्वच्छता पखवाड़ा 2022 दौरान एसईसीएल (South Eastern Coalfields Limited) ने सिंगल यूज्ड प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करने की शपथ दिलाई, साथ ही जूट के थैले आसपास के बाजारों व ग्रामों में आमजनों के मध्य वितरित किया।इस दौरान सोशल मीडिया, नुक्कड़ नाटक, कीर्तन एवं स्थानीय लोकगीतों आदि माध्यम से स्वच्छता के बारे में आमजनों को जागरूक करते हुए सामुदायिक स्वच्छता का संदेश दिया गया।

एसईसीएल (South Eastern Coalfields Limited) की विभिन्न खदानों, कार्यालयों, कॉलोनियों में स्वच्छता अभियान चलाया गया इसके तहत विभिन्न स्थानों पर डस्टबिन लगाए गए और सूखे और गीले कचरे के अलग-अलग निस्तारण की व्यवस्था की गयी। विभिन्न खदानों और कार्यालयों में स्थित शुलभ शौचालयों, पीने के पानी के टैंकों, सिवेज ट्रिटमेंट प्लांट आदि की साफ-सफाई की गयी। एसईसीएल के विभिन्न अस्पतालों-डिस्पेंसरी के प्रांगण की सफाई, नालियों की सफाई एवं कचरे का निस्तारण किया गया। स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए स्वच्छता के विषय पर निबंध, चित्रकला एवं क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

वर्षा जल बचाने के लिए और गंदे पानी का पुर्नउपयोग करने के लिए रेल वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एसईसीएल के विभिन्न कॉलोनियों, कार्यालयों, अस्पतालों में लगाया जा रहा है। कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यालयों, अस्पतालों व कॉलोनियों में गीले और सूखे कचरे को अलग करते हुए खाद में बदलने का कार्य किया जा रहा है। एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में स्थित कॉलोनियों के रहवासियों के लिए डस्टबिन का वितरण किया गया। विभिन्न खदानों के आसपास स्थित ग्रामों में पौधारोपण का कार्य किया गया।