शासन ने अनियमित विकास के नियमितीकरण का दिया सुनहरा अवसर, इसका लाभ उठाएं लोग, आर्किटेक्ट इंजीनियर्स निभाएं सक्रिय भूमिका – आयुक्त
March 20, 20230. आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने ली आर्किटेक्ट इंजीनियर्स की बैठक, नियमितीकरण हेतु अधिक से अधिक आवेदन जमा कराने दिया मार्गदर्शन
कोरबा 20 मार्च I आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने कहा है कि अनियमित रूप से निर्माण व विकास करने वाले व्यक्तियों को शासन ने नियमितीकरण का सुनहरा अवसर प्रदान किया है, अतः लोग इसका लाभ उठाएं, अनिवार्य रूप से नियमितीकरण करवाएं तथा इस हेतु निगम में आवेदन जमा करें। उन्होने आर्किटेक्ट इंजीनियर्स से कहा है कि वे नियमितीकरण के अधिकाधिक आवेदन जमा कराने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं, लोगों को नियमितीकरण कराने के फायदे तथा न कराने के नुकसान के संबंध में जानकारी दें, उन्हें प्रेरित करें कि वे नियमितीकरण हेतु जल्द से जल्द अपने आवेदन दें।
आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने आज नगर पालिक निगम कोरबा के मुख्य प्रशासनिक भवन साकेत स्थित सभाकक्ष में निगम के पंजीकृत आर्किटेक्ट इंजीनियर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक लेकर अनियमित विकास के नियमितीकरण की कार्यप्रगति की समीक्षा की। उन्होने आर्किटेक्ट इंजीनियर्स के पास आज की स्थिति में कितने-कितने आवेदन लंबित हैं, इसकी पृथक-पृथक जानकारी लेते हुए सभी लंबित आवेदनों पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह के अंदर निगम में जमा कराने को कहा। आयुक्त श्री पाण्डेय ने कहा कि शासन की गाईड लाईन के अनुसार नियमितीकरण का कार्य माह जुलाई 2023 तक करना है, चूंकि आवेदन प्राप्त करने से लेकर स्वीकृति देने तक की प्रक्रिया में समय लग जाता है, अतः जल्द से जल्द आवेदन निगम में जमा कराएं जाएं। उन्हेने आर्किटेक्ट इंजीनियर्स से कहा कि वे प्राप्त आवेदनों को अपने पास लंबित न रखें, आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही कर उन्हें निगम में जमा कराएं ताकि सक्षम स्वीकृति हेतु प्रकरणों को जिला नियमितीकरण प्राधिकार समिति के समक्ष रखा जा सके।
नियमितीकरण के फायदे
आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने आर्किटेक्ट इंजीनियर्स से कहा कि वे लोगों को यह जानकारी दें कि नियमितीकरण कराने के फायदें हैं, वहीं न कराने के नुकसान भी हैं। अनियमित विकास व निर्माण पर कभी भी कार्यवाही कर उसे हटाया जा सकता है, जबकि नियमितीकरण करा लेने के बाद वह अवैध निर्माण वैध हो जाता है, फिर उसे अवैध मानकर हटाया नहीं जा सकता। वास्तव में अनियमित विकास के नियमितीकरण का शासन द्वारा दिया गया यह विकल्प अनियमित विकास व निर्माण करने वालों के हित में है, जिसका लाभ उन्हें जल्द से जल्द उठाना चाहिए।
बिना अनुमति न हो निर्माण
आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने कहा कि निगम क्षेत्र में कोई भी निर्माण बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किए नहीं होना चाहिए, नियमों के अनुसार सभी निर्माण हेतु अनुमति लेना आवश्यक है। उन्हेने आर्किटेक्ट इंजीनियर्स से कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास भवन निर्माण की अनुमति नहीं है, तथा वह उनके पास नक्शा बनवाने आता है तो आप उसे नक्शा बनाने से मना कर दीजिए तथा उससे कहिए कि वह भवन निर्माण की सक्षम अनुमति लेकर आए तभी उसका नक्शा बनेगा, आयुक्त श्री पाण्डेय ने कहा कि इसी में शहर का हित है तथा निर्माण करने वाले व्यक्ति का हित भी इसी में निहित है। उन्हेने आर्किटेक्ट इंजीनियर्स एसोसिएशन से इस पर पूर्ण सहयोग देने का आग्रह भी किया।
बैठक के दौरान अपर आयुक्त खजांची कुम्हार, भवन अधिकारी अखिलेश शुक्ला, सहायक भवन अधिकारी विवेक रिछारिया, आर्किटेक्ट इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह, अरविंद साहू, प्रमोद अग्रवाल, आशीष भावनानी, दीपक सोनी, हनुमान साहू, अक्षय साहू, सौरभ कंवर, अमन अग्रवाल, शिल्पी साहू, करन देवांगन, मनीष महंत, जूई गिरी, निगम के कर्मचारीगण सुनील यादव, अजय शुक्ला, देवेन्द्र स्वर्णकार, यशवंत जोगी, आकाश अग्रवाल, गोयल सिंह विमल, विनोद नेताम, सुनील टांडे, हरिशंकर साहू, अभय मिंज, अंजुला अनंत सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।