Motu-Patlu and Chhota Bheem जैसे खिलौनों का बढ़ रहा क्रेज, चीन पर भारी पड़ रही India की ये स्ट्रैटेजी

Motu-Patlu and Chhota Bheem जैसे खिलौनों का बढ़ रहा क्रेज, चीन पर भारी पड़ रही India की ये स्ट्रैटेजी

March 19, 2023 Off By NN Express

भारत चीन को एक बार फिर झटका देने के लिए तैयार है. आपको बता दें, भारत के बने मोटू-पतलू और छोटू भीम जैसे खिलौने डोरेमॉन, शिनचैन को टक्कर देने के लिए एकदम तैयार हैं. चाइना के सामानों का बहिष्कार भारत में अपना असर दिखा रहा है. देश में ‘मेड इन इंडिया’ की बहार आ गई है. हर छोटी से छोटी चीज अब भारत में बन रही है. इंडियन मार्केट में चीन का सामान तो मौजूद है, मगर उसके खरीदार कम हो गए हैं. ऐसे में भारत चीन को एक बार फिर झटका देने के लिए तैयार है. आपको बता दें, भारत के बने मोटू-पतलू और छोटू भीम जैसे खिलौने डोरेमॉन, शिनचैन को टक्कर देने के लिए एकदम तैयार हैं.

ऐसे में भारत के खिलौना बाजार पर चीन का कब्जा खत्म होने वाला है. पिछले 3 सालों में चाइनीज खिलौनों को डिमांड घटी है और भारत में बने खिलौनों की डिमांड बढ़ी है. ‘वोकल फॉर लोकल’ का प्लान खिलौने बाजार की तस्वीर एकदम बदल रहा है. मोटू-पतलू और छोटा भीम जैसे खिलौने की ग्लोबल डिमांड देश की अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं, एनवायरनमेंट के लिए काफी अच्छी है.

टॉयकैथॉन से हुआ काफी फायदा

आपको बता दें, सरकार ने 2021 में टॉयकैथॉन और टॉय फेयर की शुरुआत की थी. इस फेयर के तहत भारत के खिलौना निर्माताओं को अपने खिलौने पेश करने और उन्हें एक अच्छा प्लेटफार्म देने का मौका मिला. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं और स्टार्ट-अप्स को देश की खिलौना अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आगे बढ़ कर मदद करने के लिए भी कहा. इस टॉयकैथॉन से भारत में बने खिलौनों को काफी फायदा हुआ. भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में यहां बने खिलौनों की डिमांड हो रही है.

इंटरनेशनल टॉय कंपनियां भी बढ़ा रहीं है इंटरेस्ट

भारत में बन रहे खिलौनों और उसकी बढ़ती डिमांड से अब विदेशी खिलौना कंपनियां भी अपना इंटरेस्ट भारतीय खिलौना मार्किट में बढ़ा रही हैं. इंटरनेशनल कंपनियां जैसे Hasbro, Lego, Beetle, and Ikea अपने स्थानीय सोर्सिंग को चीन से भारत ले जाने पर सोच रही हैं. आपको बता दें, खिलौना कंपनी फनस्कूल इंडिया अब 33 से ज्यादा देशों को निर्यात कर रही है.

आपको बता दें, आज से 3-4 साल पहले भारत खिलौने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था. खासतौर पर इंडियन खिलौना मार्केट में एक तरह से चाइना का ही कब्ज़ा था. भारत में 80% से ज्यादा खिलौने चीन से आया करते थे. मगर अब इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. भारत सरकार का वोकल फॉर लोकल का आह्वान भारत के खिलौना क्षेत्र को बदल रहा है. देश की ‘टॉयकॉनॉमी’ काफी फल-फूल रही है. ‘टॉयकॉनॉमी’ यानि खिलौनों से जेनेरेट होने वाली इकॉनमी. भारत में खिलौने के आयात में 70% की कमी आई है. वहीं अब दूसरे देशों को भी अपने बनाए गए खिलौने निर्यात कर रहा है. खिलौने के इम्पोर्ट में 61% की वृबढ़ोतरी देखने को मिली है.