ED के छापे में 600 करोड़ के लेनदेन का पता चला…

ED के छापे में 600 करोड़ के लेनदेन का पता चला…

March 12, 2023 Off By NN Express

नई दिल्ली, 12 मार्च  शनिवार को लालू यादव के परिवार वालों के घर और दूसरे ठिकानों पर छापेमारी की ख़बरें सुर्खियों में रही हैं। शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में लालू यादव और उनके परिवार के 24 ठिकानों पर छापेमारी करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि ‘ज़मीन के बदले रेलवे में नौकरी’ केस में उसकी इस कार्रवाई के दौरान 600 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है।

ईडी ने शनिवार को दावा किया कि उसने ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनसे पता चलता है कि 600 करोड़ रुपये की संपत्तियों का लेनदेन हुआ है। ये दस्तावेज़ 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और 250 करोड़ रुपये के बेनामी लेनदेन से जुड़े हैं। ये छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए, 2000 के तहत की गई थी।

इस केस में कहा गया है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान अलग-अलग रेलवे ज़ोन के ग्रुप ‘डी’ की नौकरियों के लिए उनके परिवार वालों ने लोगों से ज़मीनें लीं। जिन लोगों को नौकरियां मिली उनमें 50 फ़ीसदी से ज़्यादा लोग लालू यादव के परिवार वालों के निर्वाचन क्षेत्रों से थे।

ईडी ने कहा कि शुक्रवार को उसने लालू परिवार के दिल्ली स्थित जिस बंगले पर छापेमारी की थी उसकी क़ीमत 150 करोड़ रुपये है, जबकि दस्तावेजों में उसे चार लाख रुपये में खरीदा गया बताया गया है। न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित इस बंगले पर जिस समय छापेमारी की जा रही थी उस वक्त बिहार की डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उसके अंदर मौजूद है। ईडी ने लालू यादव की बेटी रागिनी यादव के घर से करोड़ों के गहने और कैश बरामद करने का दावा किया है।

‘नौकरी के बदले ज़मीन’ केस में क्यों हाज़िर नहीं हुए तेजस्वी

दूसरी ओर, ‘नौकरी के बदले ज़मीन’ मामले में सीबीआई के समन पर तेजस्वी यादव हाजिर नहीं हुए। तेजस्वी ने ये कह कर पूछताछ में शामिल होने से इनकार किया कि उनकी गर्भवती पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री ईडी और सीबीआई की इस कार्रवाई पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि ये दोनों एजेंसियां ‘पांच साल के बाद’ लालू यादव और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों कर रही है। उन्होंने पूछा कि आख़िर उनके बीजेपी छोड़ने और आरजेडी के साथ मिल कर सरकार बनाने के बाद कार्रवाई क्यों हो रही है। जेडी (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इसे ‘अघोषित इमरजेंसी’ करार दिया था।