RRB ALP : रेलवे में कैसे बनें लोको पायलट, क्या होती है योग्यता और क्या होता है इनका काम

RRB ALP : रेलवे में कैसे बनें लोको पायलट, क्या होती है योग्यता और क्या होता है इनका काम

September 25, 2022 Off By NN Express

Railway Recruitment :  रेलवे में जॉब पाना इस देश के लाखों युवाओं का सपना होता है। रेलवे भर्ती बोर्ड की भर्तियों में लाखों युवा आवेदन करते हैं। रेलवे की तमाम नौकरियों में लोको पायलट की नौकरी युवाओं को काफी आकर्षित करती है। वाराणसी के लोकेश कुमार सिंह ने हमारे एक्सपार्ट से सवाल पूछा कि भारतीय रेल में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है? क्या बगैर ग्रेजुएशन के नियुक्ति संभव है? इसका काम क्या होता है और इसकी क्या योग्यता है? 

यहां जानें एक्सपार्ट का उत्तर – भारतीय रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट वह विशेषज्ञ होता है, जिस पर ट्रेन को चलाने व उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी होती है। भारतीय रेल द्वारा बड़ी संख्या में लोको पायलट की नियुक्ति इलेक्ट्रिक और मैकेनिकल दोनों विभागों में की जाती है। यदि आपने मैट्रिक के बाद किसी मान्यता प्राप्त आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) से कॉइल वाइंडिंग, इलक्ट्रीशियन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिकल जैसे किसी ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त किया है या मैट्रिक के बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से तीन-वर्षीय डिप्लोमा किया है, तो आप भारतीय रेल के इलेक्ट्रिक विभाग में असिस्टेंट लोको पायलट के तौर पर नियुक्ति की योग्यता रखते हैं। इसी प्रकार, यदि आप भारतीय रेल के मैकेनिकल विभाग में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं तो मैट्रिक के अतिरिक्त मैकेनिकल से सम्बंधित किसी विषय या ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट या तीन-वर्षीय डिप्लोमा होना जरूरी है। नई भर्ती के लिए रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की वेबसाइट निरंतर देखते रहें। पिछली बार 2018 में असिस्टेंट लोको पायलट की भर्ती निकाली गई थी। चयन –  1. फर्स्ट स्टेज सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट), 2. सेकेंड स्टेज सीबीटी, 3. कंप्यूटर बेस्ड एप्टीट्यूड टेस्ट और 4. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन। 

प्रश्न- मैं अभी गणित से ग्रेजुएशन कर रही हूं और आगे साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हूं। मार्गदर्शन करें।- सुनैना सिंह

एक्सपर्ट का उत्तर- कंप्यूटर साइंस के कुछ सबसे अधिक अवसर वाले क्षेत्रों में साइबर सिक्योरिटी है। हाल के वर्षों में साइबर सिक्योरिटी से सम्बंधित कई नए पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। कुछ विश्वविद्यालय बीटेक कोर्स में साइबर सिक्योरिटी में स्पेशलाइजेशन कराते हैं, जबकि कुछ संस्थान बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन में भी साइबर सिक्योरिटी से सम्बंधित विषयों पर बताते हैं। इस क्षेत्र की बड़ी बात यह है कि साइबर सिक्योरिटी विषय पर अपने ठोस ज्ञान के आधार पर जहां एक ओर आप किसी आईटी कंपनी में अच्छी जॉब प्राप्त कर सकते हैं, वहीं अपनी खुद की भी साइबर सिक्योरिटी कंसल्टेंसी कंपनी स्थापित कर सकते हैं। कई ट्रिपल-आईटी व आईआईटी संस्थानों द्वारा कंपनियों में काम करने वाले अधिकारियों के लिए अल्पकालीन एग्जीक्यूटिव साइबर सिक्योरिटी सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी चलाया जाता है। जिन विषयों को इन पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाता है, उनमें साइबर लॉ, नेटवर्किंग सिक्योरिटी, फायरवॉल, ऑनलाइन बैंकिंग, ई-वालेट, यूपीआई सिक्योरिटी, डाटा कलेक्शन, डाटा सिक्योरिटी, क्रेडिट कार्ड सिक्योरिटी, ऑपरेशनल सिक्योरिटी मैनेजमेंट और इन्फॉर्मेशन डिटेक्शन इत्यादि शामिल हैं, जो आपको इस विषय को गहराई से जानने का अवसर देते हैं। इस क्षेत्र में समय के साथ आपकी पकड़ मजबूत होती है और आपको नए अवसर मिलते रहते हैं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट को जिन पदों के लिए नियुक्त किया जाता है, उनमें नेटवर्क सिक्योरिटी इंजीनियर, सिक्योरिटी आर्किटेक्ट, सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटर, साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट और साइबर लॉ कंसल्टेंट प्रमुख हैं। साइबर सिक्योरिटी का क्षेत्र आपके लिए अनंत संभावनाओं का पिटारा खोल सकता है।