जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी : ऋचा चौधरी

जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी : ऋचा चौधरी

February 26, 2023 Off By NN Express

जांजगीर-चांपा ,26 फरवरी  कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने घरों में पेयजल पहुँचाने बिछाएं जा रहे पाइप लाइन, नल और पानी टंकी निर्माण की समीक्षा करते हुए सख़्त निर्देश दिए कि अनुबंध के बाद काम प्रारम्भ होने के साथ निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जाए। जिन ठेकेदारों द्वारा काम शुरू नहीं किया गया है उन्हें नोटिस जारी की जाए। कलेक्टर ने बैठक में अनुपस्थित ठेकेदारों को भी नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों को गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ किया जाए, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं कि जाएगी। 

 कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता मिशन चौधरी ने जिले में जल जीवन मिशन के तहत कार्यरत ठेकेदारों, तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी एवं क्रियान्वयन सहायता एजेंसी की बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने एक-एक ठेकेदार से उनको मिले कार्यादेश पर अब तक किए गए कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्य स्थल में आने वाली समस्याओं के बारे में ठेकेदारों से बताने को कहा और उनका शीघ्र निराकरण करने के निर्देश कार्यपालन अभियंता सुनील कुमार शुक्ला को दिए।

कलेक्टर ने जेजेएम के कार्यों को मार्च तक का लक्ष्य रखकर पूरा करने कहा ताकि ग्रीष्म ऋतु में लोगों को पेयजल की समस्याओं का सामना न करना पड़े।उन्होंने निर्देशित किया कि मिशन अंतर्गत कार्यों का अनुबंध होने के पश्चात अनावश्यक विलंब न हो और समय पर कार्य प्रारंभ हो जाए। कलेक्टर ने पानी टंकी, पाइप लाइन एलायमेंट सहित अन्य कार्यां में निर्मित होने वाली विवादों को सुलझाते हुए ठेकेदारों को सीक्वेंस के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने जेजेएम के कार्यों को मार्च तक का लक्ष्य रखकर पूरा करने कहा ताकि ग्रीष्म ऋतु में लोगों को पेयजल की समस्याओं का सामना न करना पड़े।उन्होंने निर्देशित किया कि मिशन अंतर्गत कार्यों का अनुबंध होने के पश्चात अनावश्यक विलंब न हो और समय पर कार्य प्रारंभ हो जाए। कलेक्टर ने पानी टंकी, पाइप लाइन एलायमेंट सहित अन्य कार्यां में निर्मित होने वाली विवादों को सुलझाते हुए ठेकेदारों को सीक्वेंस के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए।