सऊदी फॉरेन मिनिस्ट बोले- कभी तो उनसे बातचीत करना पड़ेगी, रिफ्यूजी क्राइसिस हल करना जरूरी
February 19, 2023सऊदी अरब के फॉरेन मिनिस्टर प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने कहा है कि सीरिया को लेकर अरब देशों की स्ट्रैटेजी गलत साबित हुई है। उनके मुताबिक- सीरिया को अलग-थलग करने की स्ट्रैटेजी सही साबित नहीं हुई। वहां रिफ्यूजी क्राइसिस है और आज-नहीं तो कल इंसानियत के आधार पर इस मसले का हल खोजना होगा, सीरिया से बातचीत करनी होगी। सऊद ने इशारों-इशारों में गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) पर भी निशाना साधा। कहा- कई बार हम बड़े-बड़े फोरम बना लेते हैं, लेकिन उनका सही इस्तेमाल कैसे होगा? ये भी हमें भी ही तय करना होगा।
सीरिया में जारी सिविल वॉर के बीच म्यूनिख सिक्योरिटी फोरम में इस मसले पर विस्तार से बातचीत हुई। पहली बार बैठक में शामिल देशों ने माना कि सीरिया को अलग-थलग करने की रणनीति कारगर साबित नहीं हुई। इस दौरान सऊदी फॉरेन मिनिस्टर प्रिंस फैसल ने कहा- 12 साल से वहां सिविल वॉर चल रहा है। सऊदी समेत तमाम अरब देशों ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असर के खिलाफ लड़ रहे विद्रोही गुटों की मदद की और उनका समर्थन किया। फैसल ने कहा- आज गल्फ स्टेट्स समेत सभी देश ये मान चुके हैं कि इस रणनीति का कोई फायदा नहीं हुआ।
सऊद ने आगे कहा- हाल ही में तुर्किये और सीरिया में जबरदस्त भूकंप आया। लाखों लोगों पर इसका असर हुआ। हजारों की मौत हुई। हम सीरिया में वो मदद नहीं पहुंचा सके, जो पहुंचानी चाहिए थी। सीरिया के रिफ्यूजी पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं, और इस वजह से यह संकट और खतरनाक होता जा रहा है। सऊदी फॉरेन मिनिस्टर ने आगे कहा- अब यह जरूरी हो गया है कि हमें सीरिया की सरकार से बातचीत करनी होगी।
ये काम आज नहीं तो कल करना होगा। हम जितना ज्यादा वक्त इंतजार करेंगे, हालात उतने ही खराब होंगे। कम से कम रिफ्यूजी संकट को हल करने के लिए तो फौरन कदम उठाने होंगे। भूंकप के बाद UAE और जॉर्डन के फॉरेन मिनिस्टर्स ने तुर्किये और सीरिया का दौरा किया था। फैसल ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि वो भी सीरिया की राजधानी दमिश्क जाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा- हमने सीरिया के उन इलाकों में मदद भेजी है, जो वहां की सरकार के नियंत्रण में हैं और जहां भूकंप ने तबाही मचाई है।
सीरिया और तुर्किये में भूकंप के बाद पश्चिमी देशों ने उसकी ज्यादा मदद नहीं की। अरब देशों ने सीरिया को अलग-अलग साधनों से मदद पहुंचाई। सऊदी सरकार सीरिया को लेकर रणनीति बदल रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि सीरिया को अमेरिका और पश्चिमी देशों ने अलग-थलग कर दिया है, क्योंकि वहां के राष्ट्रपति बशर अल असद के रूस से करीबी रिश्ते हैं। दूसरी तरफ, इजराइल और अमेरिका के सहयोगी सीरिया में विद्रोहियों की मदद कर रहे हैं। सीरिया में करीब 15 साल से राष्ट्रपति असद और विद्रोहियों के बीच जंग चल रही है। सिविल वॉर की वजह से यह देश पूरी तरह तबाह हो चुका है। हाल के दिनों में असद की सेना ने रूस की मदद से देश के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर लिया है। असद को रूस के अलावा ईरान की भी मदद मिल रही है।