अमेरिका में अगला राष्ट्रपति चुनाव क्या कमला हैरिस बनाम निक्की हेली होगा?

अमेरिका में अगला राष्ट्रपति चुनाव क्या कमला हैरिस बनाम निक्की हेली होगा?

February 19, 2023 Off By NN Express

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी के लिए औपचारिक रूप से अभियान की शुरुआत कर दी है। इसके साथ ही, उन्होंने एक समय अपने नेता रहे और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले खुद को एक युवा और नये विकल्प के रूप में पेश किया है। वर्तमान में कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वह दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसलिए माना जा सकता है कि कमला हैरिस भी राष्ट्रपति चुनाव में उतर सकती हैं। ऐसे में यदि कमला हैरिस और निक्की हेली के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला होता है तो वह बड़ा रोचक होगा क्योंकि दोनों ही भारतीय मूल की अमेरिकी हैं।

जहां तक निक्की हेली की बात है तो आपको बता दें कि 51 वर्षीय यह अमेरिकी राजनीतिज्ञ दक्षिण कैरोलिना की दो बार गवर्नर रही हैं और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रह चुकी हैं। उन्होंने इस सप्ताह दक्षिण कैरोलिना में एक कार्यक्रम के दौरान अपने उत्साहित समर्थकों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि “एक मजबूत अमेरिका के लिए, एक गौरवशाली अमेरिका के लिए, मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो गई हूं। उन्होंने कहा, “जब अमेरिका उतार-चढ़ाव से गुजरता है, तो दुनिया कम सुरक्षित हो जाती है और आज, हमारे दुश्मन सोचते हैं कि अमेरिका का युग बीत चुका है। लेकिन वे गलत हैं।” निक्की हेली ने कहा, “अगर हम 20वीं सदी के राजनेताओं पर भरोसा करते रहे तो हम 21वीं सदी की लड़ाई नहीं जीत पाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं अप्रवासियों की बेटी के रूप में, एक लड़ाकू योद्धा की गौरवमयी पत्नी के रूप में और दो अद्भुत बच्चों की मां के रूप में आपके सामने खड़ी हूं।”

निक्की हेली ने कहा है कि अमेरिकियों को देश में नयी पीढ़ी के नेता की जरूरत है। हेली ने अमेरिका में युवा नेतृत्व की वकालत करते हुए कहा, ‘‘हमने कई नेताओं को देखा है जिन्होंने पूर्व में हमारा नेतृत्व किया है। हमें कांग्रेस में कार्यकाल की सीमाएं रखनी होंगी। हमें 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी निर्वाचित अधिकारी के लिए योग्यता परीक्षण कराने की आवश्यकता है।’’ 

हम आपको बता दें कि उनकी इस औपचारिक घोषणा का यह मतलब है कि वह उम्मीदवारी हासिल करने के लिए 76 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में शामिल होने वाली पहली दावेदार होंगी। उल्लेखनीय है कि हेली और ट्रंप, दोनों रिपब्लिकन पार्टी से हैं। राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में शामिल होने से पहले निक्की हेली को रिपब्लिकन पार्टी की ‘प्रेसीडेंशियल प्राइमरी’ में जीत हासिल करनी होगी, जो अगले साल जनवरी में होने का कार्यक्रम है। हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पांच नवंबर, 2024 को होना है।

जहां तक निक्की हेली के परिचय की बात है तो आपको बता दें कि निक्की उर्फ निमरत निक्की रंधावा का जन्म प्रवासी पंजाबी सिख परिवार में हुआ था। निक्की हेली का जन्म सिख माता-पिता अजीत सिंह रंधावा और राज कौर रंधावा के यहां हुआ था, जो 1960 के दशक में पंजाब से कनाडा गए और फिर अमेरिका आकर बस गए थे। निक्की हेली एक सिख महिला के तौर पर बड़ी हुईं, लेकिन 1996 में माइकल हेली से शादी के बाद उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया। अमेरिका में अपने जीवन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता ने बेहतर जीवन की तलाश में भारत छोड़ा। वे यहां बामबर्ग, साउथ कैरोलिना में बसे, जिसकी आबादी 2,500 थी। हमारा छोटा शहर हमसे प्यार करने लगा, लेकिन यह हमेशा आसान नहीं था। हमारा परिवार एकमात्र भारतीय परिवार था। कोई नहीं जानता था कि हम कौन थे, हम क्या थे, या हम यहां क्यों आए थे।” उन्होंने कहा, “लेकिन मेरे माता-पिता जानते थे। और हर दिन, उन्होंने मुझे, मेरे भाइयों और मेरी बहन को याद दिलाया कि हमारे सबसे बुरे दिन में भी, हम अमेरिका में रहने के लिए धन्य हैं। वे तब सही थे- और वे अब भी सही हैं। मेरे माता-पिता एक ऐसे देश में आए थे जो ताकतवर बन रहा था और जिसका आत्मविश्वास बढ़ रहा था।”

निक्की हेली एक समझदार राजनीतिज्ञ भी हैं क्योंकि उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत चीन पर निशाना साधते हुए की है। उन्होंने कहा है कि तत्कालीन सोवियत संघ की तरह साम्यवादी चीन भी “इतिहास के राख के ढेर” में मिल जाएगा। उन्होंने 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा करने के बाद पहले सार्वजनिक भाषण में चीन को कड़ी चेतावनी दी। निक्की हेली ने कहा, “आज संयुक्त राज्य अमेरिका की सशस्त्र सेना पहले से कहीं अधिक मजबूत और सक्षम है। एक मजबूत सेना युद्ध शुरू नहीं करती।

एक मजबूत सेना युद्ध को रोकती है!” उन्होंने कहा, “हम अपने सहयोगियों इजराइल से यूक्रेन तक के साथ और ईरान और रूस में अपने दुश्मनों के खिलाफ खड़े रहेंगे। सोवियत संघ की तरह, साम्यवादी चीन इतिहास के राख के ढेर में मिल जाएगा।” निक्की हेली ने कहा, “चीन के तानाशाह दुनिया को कम्युनिस्ट अत्याचार में झोंकना चाहते हैं। और हम ही उन्हें रोक सकते हैं। मैं साफतौर पर कहना चाहूंगी। अगर हम 20वीं सदी के नेताओं पर भरोसा करते रहेंगे तो हम 21वीं सदी की लड़ाई नहीं जीत पाएंगे।” उन्होंने कहा, ”अमेरिका असमंजस, विभाजन और आत्म-विनाश के रास्ते पर है।”

निक्की हेली के राजनीतिक कॅरियर की बात करें तो आपको बता दें कि जनवरी 2011 में 39 साल की उम्र में जब उन्होंने गर्वनर का पदभार ग्रहण किया, तब वह इस पद पर आसीन होने वाली अमेरिका की सबसे कम उम्र की गवर्नर थीं। उन्होंने दक्षिण कैरोलिना की पहली महिला गवर्नर बनकर इतिहास रचा था। यही नहीं, वह दक्षिण कैरोलिना राज्य की पहली भारतीय-अमेरिकी गवर्नर भी थीं। जनवरी 2017 से दिसंबर 2018 तक, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में कार्य किया था।

वहीं निक्की हेली के बारे में भारतीय-अमेरिकी नागरिकों का मानना है कि रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली की साख अच्छी है और अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने के लिए उनमें नेतृत्व की क्षमता है। निक्की हेली को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत के तौर पर विदेश नीति का अनुभव भी है। भारतीय-अमेरिकियों को लगता है कि निक्की हेली अधिकांश मध्यमार्गियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह चरमपंथी भी नहीं हैं। साथ ही जिस तरह से उन्होंने साउथ कैरोलिना का प्रतिनिधित्व किया, वह शानदार है।

वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल होने के बाद निक्की हेली अमेरिका के पिछले तीन राष्ट्रपति चुनाव में किस्मत आजमाने वाले भारतीय-अमेरिकी नेताओं में भी शामिल हो गई हैं। हम आपको याद दिला दें कि इससे पहले साल 2016 में बॉबी जिंदल और 2020 में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके साथ ही निक्की हेली उन भारतीय मूल के उन नेताओं की लंबी सूची में भी शामिल हो गई हैं जिनका वर्तमान में विश्व की महत्वपूर्ण राजधानियों में राजनीति पर प्रभाव है।

बहरहाल, जहां तक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की बात है तो आपको बता दें कि वह अमेरिका की पहली महिला और पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति बनीं। वह 2017 से 2021 तक कैलिफोर्निया की सीनेटर थीं। डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस ने 2011 से 2017 तक कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल के रूप में भी काम किया। उनका जन्म कैलिफोर्निया में हुआ था और उनके माता-पिता भारतीय तथा जमैका मूल के थे। अब देखना होगा कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति चुनाव क्या दो भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिकों कमला हैरिस और निक्की हैली के बीच होता है?